
गुजरात हाई कोर्ट की एक वर्चुअल सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील भास्कर तन्ना के आचरण ने न्यायालय को कठोर कदम उठाने पर मजबूर कर दिया।25 जून को जस्टिस संदीप भट्ट की अदालत में ऑनलाइन पेशी के दौरान तन्ना बीयर पीते और मोबाइल पर बातचीत करते हुए नजर आए। यह दृश्यकोर्ट की वीडियो कार्यवाही के माध्यम से सार्वजनिक हुआ और जल्द ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
कोर्ट ने लिया स्वत, संज्ञान, अवमानना की कार्रवाई शुरू
मंगलवार को जस्टिस एएस सुपेहिया और जस्टिस आरटी वच्छानी की खंडपीठ ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए भास्कर तन्ना के खिलाफअदालत की अवमानना की कार्यवाही आरंभ करने के आदेश दिए। पीठ ने इस आचरण को ‘अपमानजनक और भयावह’ बताया और इसे न्याय प्रणालीके सम्मान और अनुशासन के लिए गंभीर खतरा करार दिया।
सीनियर एडवोकेट की उपाधि पर भी उठे सवाल
न्यायाधीशों ने यह भी कहा कि तन्ना द्वारा दिखाया गया व्यवहार वरिष्ठ अधिवक्ता की गरिमा के खिलाफ है और उनके विशेषाधिकारों का उल्लंघनकरता है। अदालत ने संकेत दिया कि उनके ‘सीनियर एडवोकेट’ की उपाधि को रद्द किया जा सकता है, हालांकि इस पर अंतिम निर्णय सुनवाई के बादलिया जाएगा।
रजिस्ट्री को नोटिस जारी करने और रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश
कोर्ट ने रजिस्ट्री को आदेश दिया है कि वह भास्कर तन्ना को नोटिस भेजे और उन्हें अगली सुनवाई तक किसी भी वर्चुअल कार्यवाही में भाग लेने सेरोके। साथ ही, रजिस्ट्री को निर्देश दिया गया है कि आगामी सुनवाई से पहले एक विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत की जाए।
पिछले सप्ताह भी वायरल हुआ था विवादास्पद वीडियो
गौरतलब है कि एक सप्ताह पहले भी एक और वीडियो सामने आया था जिसमें एक व्यक्ति शौचालय में बैठे-बैठे वर्चुअल कोर्ट की सुनवाई में भागलेता नजर आया था। ऐसे मामलों को देखते हुए हाई कोर्ट ने चेताया है कि यदि इस प्रकार की घटनाओं को नजरअंदाज किया गया, तो इससे न्यायिकप्रणाली की गंभीर क्षति हो सकती है।
न्यायिक गरिमा बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर
कोर्ट ने साफ कहा कि भास्कर तन्ना का आचरण कानून के शासन के लिए खतरा है और ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई आवश्यक है, ताकि न्यायालयकी गरिमा और अनुशासन कायम रखा जा सके। अवमानना कार्यवाही की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।