
गुजरात में मानसून के सक्रिय होते ही कई जिलों में मूसलधार बारिश हो रही है। सूरत शहर में रविवार रात से लेकर सोमवार सुबह तक लगातार तेजबारिश हुई है। सुबह 8 बजे तक शहर में करीब 9 इंच वर्षा दर्ज की गई। भारी बारिश के चलते शहर के निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति उत्पन्नहो गई है। बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सूरत के सभी स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है। साथ ही, सूरत सेंट्रल बस स्टेशन से चलने वालीसभी एसटी बस सेवाओं को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। ड्राइवरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे बसों को जलमग्न क्षेत्रों में न ले जाएं।प्रशासन द्वारा राहत और बचाव कार्य जारी है और नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
राज्य के 159 तालुकों में हुई बारिश, कई जिलों में जलजमाव
पिछले 24 घंटों में गुजरात के 159 तालुकों में हल्की से लेकर भारी बारिश रिकॉर्ड की गई है। सबसे अधिक वर्षा जामनगर के जोडिया में 7.17 इंचदर्ज की गई। इसके अलावा मेन्दरदा में 5.7 इंच, अमीरगढ़ में 5 इंच, केशोद में 4.9 इंच, कलावड में 4.6 इंच और पालसाना में 5.6 इंच बारिश हुई।इससे कई क्षेत्रों में सड़कों पर पानी भर गया है और सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है।
मौसम विभाग का अलर्ट
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने राज्य के कई जिलों के लिए अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी दी है। अमरेली, भावनगर, नवसारी, वलसाड, बोटाड, अरावली, महिसागर, दाहोद, वडोदरा, आनंद, भरूच और पंचमहल जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, सौराष्ट्र औरदक्षिण गुजरात के 16 जिलों में 24 जून को भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई गई है। अमरेली, भावनगर, नवसारी और वलसाड के लिएऑरेंज अलर्ट और राजकोट, जूनागढ़, सूरत, तापी, डांग, नर्मदा, वडोदरा सहित कई जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी है।
NDRF और SDRF टीमें तैनात, राज्य सरकार सतर्क
25 जून को अरावली, दाहोद, पंचमहल, नवसारी और भावनगर जैसे जिलों में ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है। इसके अलावा, पोरबंदर, बोटाड, आनंद, अहमदाबाद, गांधीनगर और साबरकांठा में भी भारी बारिश की संभावना है। 26 से 28 जून तक पूरे गुजरात में मानसून सक्रिय रहने की उम्मीदहै, जिसमें गरज, बिजली और तेज़ बारिश का सिलसिला बना रहेगा। राज्य सरकार ने सभी जिला प्रशासन को जलभराव, बाढ़ और यातायात में बाधाकी स्थिति के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें संवेदनशील इलाकों में तैनात हैं। कंट्रोल रूम 24×7 एक्टिव हैं और जल निकासी, बांधों की निगरानी, निकासी अभियान, स्वास्थ्य सुविधाएं, बिजली और पानी की आपूर्ति को लेकर पूरी तैयारी की जाचुकी है।