कांग्रेस ने मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में एक आदिवासी महिला के साथ हुई जघन्य सामूहिक दुष्कर्म की घटना को “आदिवासी निर्भया कांड” बतातेहुए प्रदेश में कानून व्यवस्था की खराब स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की है।
आदिवासी कांग्रेस अध्यक्ष विक्रांत भूरिया ने भाजपा सरकार पर साधा निशाना
नई दिल्ली में कांग्रेस कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में विक्रांत भूरिया ने मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार और प्रशासन की निष्क्रियता को कड़ाआरोप लगाया। उन्होंने कहा कि देशभर में बढ़ रहे गंभीर अपराधों के बावजूद सरकार और प्रशासन गहरी नींद में हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बड़े शहरोंके अपराधों को मीडिया में तो प्राथमिकता मिलती है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में घटित भयावह अपराध अक्सर अनदेखा किए जाते हैं।
खंडवा कांड का दर्दनाक विवरण
भूरिया ने बताया कि शराब के नशे में चूर आरोपियों ने एक आदिवासी महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया, उसके बाद अत्यंत क्रूरता से उसकेगर्भाशय और आंतें बाहर निकाल दीं। पीड़िता की दर्दनाक मौत हो गई, और जब उसकी 16 वर्षीय बेटी घटनास्थल पर पहुंची तो वह सदमे में बेहोशहो गई।
मध्य प्रदेश में कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल
भूरिया ने भाजपा सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। मुख्यमंत्री मोहन यादव के पास गृह मंत्रालयहोते हुए भी ऐसी घटनाएं कैसे हो रही हैं, यह बेहद चिंता का विषय है। उन्होंने विधानसभा के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री के गृहमंत्री बनने के बाद दुष्कर्म के मामले 18 प्रतिशत बढ़े हैं, जिनमें 26 प्रतिशत पीड़ित महिलाएं आदिवासी समुदाय की हैं।
शराबबंदी में सरकार की विफलता
भूरिया ने कहा कि मध्य प्रदेश में शराबबंदी नाम की केवल दिखावा है। सरकार धार्मिक स्थलों पर शराब बंद करने का नाटक करती है, लेकिन शराबमाफियाओं पर नियंत्रण नहीं है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश धीरे-धीरे रेप कैपिटल और शराब की राजधानी बनता जा रहा है।
कांग्रेस की मांगें और प्रधानमंत्री से अपील
भूरिया ने 31 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भोपाल दौरे के मद्देनजर उनसे आग्रह किया कि वे प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए ठोस कदमउठाएं। उन्होंने मध्य प्रदेश में पूर्णकालिक गृह मंत्री नियुक्ति की मांग की और खंडवा दुष्कर्म मामले में दोषियों को फास्ट ट्रैक कोर्ट में कठोर सजा दिएजाने की अपील की।
आदिवासी कांग्रेस का समर्थन और सड़कों पर संघर्ष का एलान
भूरिया ने कहा कि आदिवासी कांग्रेस पीड़ित परिवार से मिलने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल भेजेगी। उन्होंने साफ कहा कि कांग्रेस इस तरह की महिलाविरोधी और आदिवासी विरोधी नीतियों के खिलाफ चुप नहीं बैठेगी और सड़कों पर लड़ाई जारी रखेगी ताकि महिलाओं, गरीबों और वंचितों की सुरक्षासुनिश्चित हो सके।