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अगर अमेरिका भारत पर जवाबी टैरिफ लगाने का एलान करता है तो भारत के प्रमुख निर्यात क्षेत्रों और शेयर बाजार में उथल-पुथल दिख सकता है. यदि ट्रम्प ने अनुमान से कम टैरिफ की घोषणा की तो फार्मा और आईटी सहित निर्यात से जुड़े क्षेत्रों के शेयर मजबूत हो सकते हैं. दूसरी ओर अधिकगंभीर टैरिफ लगाने से बाजार में नरमी भी आ सकती है. अमेरिकी टैरिफ का भारत के किन पांच क्षेत्रों पर सबसे अधिक असर पड़ेगा.

आज दो अप्रैल है और इसी के साथ अमेरिका की ओर से घोषित पारस्पारिक टैरिफ का खतरा भारतीय बाजार पर लटक रहा है. अगर अमेरिका भारतपर जवाबी टैरिफ लगाने का एलान करता है तो भारत के प्रमुख निर्यात क्षेत्रों और शेयर बाजार में उथल-पुथल दिख सकता है. यदि ट्रम्प ने अनुमान सेकम टैरिफ की घोषणा की,तो फार्मा और आईटी सहित निर्यात से जुड़े क्षेत्रों से जुड़े शेयर मजबूत हो सकते हैं. इससे सेंसेक्स और निफ्टी में आने वालेसमय में हम उछाल देख सकते हैं. दूसरी ओर अधिक गंभीर टैरिफ लगाने से बाजार में नरमी भी आ सकती है.

भारत ने अमेरिकी वस्तुओं पर लगाया टैरिफ
भारत ने ऐतिहासिक रूप से अमेरिकी वस्तुओं पर भारतीय वस्तुओं पर लगाए गए अमेरिका के टैरिफ से अधिक शुल्क लगाए हैं. इसका साफ मतलब हैकि अमेरिकी टैरिफ के निशाने पर प्रमुख रूप से भारत भी है. अमेरिका के जवाबी टैरिफ से देश का फार्मा, ऑटोमोबाइल, कृषि और वस्त्र उद्योग परमहत्वपूर्ण असर पड़ सकता है. इससे अरबों का व्यापार बाधित हो सकता है.नई दिल्ली टैरिफ के मसले पर अमेरिका के साथ बातचीत के जरिएसमाधान निकालने की कोशिश में है. लेकिन विश्लेषकों को आशंका है कि अमेरिका और अन्य देश यदि जवाबी कार्रवाई का मन बनाने लगे तोवर्तमान हालात व्यापार युद्ध में बदल सकता है. केयरएज रेटिंग्स के कार्यकारी निदेशक और मुख्य रेटिंग अधिकारी सचिन गुप्ता ने कहा अमेरिकी टैरिफलगाने से निर्यात-संचालित क्षेत्रों की गति बाधित हो सकती है. इसके साथ ही इससे प्रभावित अर्थव्यवस्थाओं के बीच कीमतों के मोर्चे पर एक नईप्रतिस्पर्धा भी शुरू हो सकती है. इसका एक दुष्परिणाम यह भी होगा कि स्पष्ट संकेत न मिलने तक निजी क्षेत्र अपने पूंजीगत व्यय से परहेज कर सकताहै.

टेरिफ का असर सबसे अधिक पड़ेगा मांस जैसी चीजों पर
थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) के विश्लेषण के अनुसार कृषि क्षेत्र में अमेरिका के जवाबी टैरिफ का सबसे अधिक प्रभावमछली, मांस और प्रसंस्कृत समुद्री भोजन के निर्यात पर पड़ेगा. 2024 में इनका निर्यात 2.58 अरब डॉलर था. अब हालिया घटनाक्रम के बीच इसक्षेत्र पर 27.83 प्रतिशत से अधिक टैरिफ का भार बढ़ सकता है. ऐसे में अमेरिका को झींगे का निर्यात टैरिफ लागू होने के बाद प्रभावित हो सकता हैकोलकाता स्थित समुद्री खाद्य निर्यातक और मेगा मोडा के प्रबंध निदेशक योगेश गुप्ता ने कहा अमेरिका में हमारे निर्यात पर पहले से ही डंपिंग रोधीऔर प्रतिपूरक शुल्क लागू हैं. शुल्कों में अतिरिक्त वृद्धि से हम अप्रतिस्पर्धी हो जाएंगे. भारत के कुल झींगा निर्यात में से हम 40 प्रतिशत अमेरिका कोनिर्यात करते हैं. उन्होंने कहा कि यदि अमेरिका अपने प्रतिस्पर्धी देशों इक्वाडोर और इंडोनेशिया पर भी इसी प्रकार का टैरिफ लगाए तो भारतीयनिर्यातकों को कुछ राहत मिल सकती है.

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