
कोलकाता के प्रतिष्ठित लॉ कॉलेज में हाल ही में सामने आए यौन उत्पीड़न और डराने-धमकाने के मामले में मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा को लेकरचौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। छात्राओं ने बताया कि 2024 के मध्य में जब मनोजीत एक बार फिर कॉलेज में बतौर एड-हॉक स्टाफ लौटा, तो कॉलेजका माहौल ही बदल गया।
छात्राओं की सुरक्षा पर उठे सवाल
कॉलेज की एक सीनियर छात्रा ने बताया कि जैसे ही मनोजीत कॉलेज में आया, लड़कियों की उपस्थिति तेजी से कम होने लगी। “वो हमें अजीब नजरोंसे घूरता था, चोरी-छिपे तस्वीरें खींचता और फिर ग्रुप्स में डाल देता। हर किसी को प्रपोज करता और जबरदस्ती बातचीत करने की कोशिश करता।”
कई छात्राओं ने कॉलेज छोड़ने का लिया फैसला
दूसरे वर्ष की एक छात्रा ने बताया कि पहले वो नियमित रूप से क्लास अटेंड करती थी, लेकिन मनोजीत के आने के बाद उसने कॉलेज जाना ही बंदकर दिया। “अब मैं सिर्फ इंटर्नशिप पर ध्यान देती हूं। कॉलेज में डर का माहौल है,” उसने कहा।
पुराना छात्र, विवादों से रहा है नाता
मनोजीत मिश्रा ने 2012 में इस लॉ कॉलेज में दाखिला लिया था, लेकिन एक साल के भीतर ही आपराधिक गतिविधियों के चलते उसे निष्कासितकर दिया गया। 2017 में वह दोबारा कॉलेज लौटा और उस दौरान भी तोड़फोड़ और विवादों में घिरा रहा। 2022 में कॉलेज से स्नातक की डिग्रीलेकर जाने के बाद छात्र-छात्राओं ने राहत की सांस ली थी।
2023 में मिला कॉलेज पर नियंत्रण
2023 में कॉलेज की छात्र यूनियन (TMCP यूनिट) के भंग होने के बाद मनोजीत को अनौपचारिक रूप से कॉलेज की गतिविधियों पर नियंत्रण मिलगया। अगले ही वर्ष 2024 में उसे एड-हॉक स्टाफ के रूप में बहाल किया गया, जिसके बाद से छात्राओं ने कॉलेज आना ही बंद कर दिया।
लड़कों पर भी बनाता था दबाव
मनोजीत का डर सिर्फ लड़कियों तक सीमित नहीं था। कॉलेज के कुछ छात्रों ने बताया कि वह उन्हें भी धमकाता और परेशान करता था। “कोई उससेउलझना नहीं चाहता था, क्योंकि सब जानते थे कि वो क्या कर सकता है,” एक छात्र ने बताया।
प्रशासन तक पहुंची शिकायतें, लेकिन मिली अनदेखीछात्राओं ने जब मनोजीत की वापसी पर विरोध जताया और प्रशासन से शिकायत की, तो उनकी बातों को नजरअंदाज कर दिया गया। “हमने प्रिंसिपलसे बात की, लेकिन किसी ने हमें गंभीरता से नहीं लिया,” एक छात्रा ने बताया।
कॉलेज के डाटा पर भी था उसका कब्जा
एक अन्य छात्रा ने आरोप लगाया कि मनोजीत ने कॉलेज की जानकारी, छात्रों के फोन नंबर, पते और दस्तावेजों तक का नियंत्रण अपने पास रख लियाथा। “वो फोन करके धमकाता या अपने लोगों को भेज देता। क्लास के बीच में बुलाकर डराता था,” उसने कहा।