देश में कोविड-19 के मामलों में एक बार फिर वृद्धि देखी जा रही है। सक्रिय मामलों की संख्या अब 1200 के पार पहुंच चुकी है। सबसे ज्यादा केसकेरल में दर्ज किए गए हैं, जहां 430 संक्रमित पाए गए हैं। महाराष्ट्र में 208, जबकि दिल्ली और कर्नाटक जैसे राज्यों में 100 से अधिक मामले सामनेआए हैं। बीते 24 घंटों के भीतर बिहार में 6 और अरुणाचल प्रदेश में 1 नया संक्रमित मरीज मिला है। इस तेजी से फैलते संक्रमण के पीछे JN.1 वेरिएंट को मुख्य कारण माना जा रहा है, जो ओमिक्रॉन का एक उप-स्वरूप है।
चंडीगढ़ में कोरोना से पहली मौत का मामला
पंजाब के चंडीगढ़ शहर में कोविड संक्रमण से इस साल की पहली मौत की पुष्टि हुई है। लुधियाना के रहने वाले 40 वर्षीय व्यक्ति की जानGMCH-32 अस्पताल में चली गई। उन्हें सांस लेने में तकलीफ के चलते अस्पताल में भर्ती किया गया था। जांच में वह कोरोना पॉजिटिव पाए गएऔर इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।
AIIMS के पूर्व निदेशक की चेतावनी
एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि JN.1 वेरिएंट ओमिक्रॉन का एक ऐसा प्रकार है जिसमें लगभग 30 प्रकार के म्यूटेशन पाएगए हैं। यह वेरिएंट शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करता है और तेजी से फैलता है। उन्होंने बताया कि हालांकि पहले भी बड़ी संख्या मेंलोग ओमिक्रॉन से संक्रमित हो चुके हैं और कुछ हद तक प्रतिरक्षा विकसित हुई है, लेकिन वायरस के लगातार बदलते स्वरूप के कारण नए संक्रमणकी आशंका बनी रहती है।
ICMR का क्या कहना है?
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने स्पष्ट किया कि देश में संक्रमण के नए मामलों में गंभीर लक्षणदेखने को नहीं मिले हैं। उन्होंने कहा कि कोविड की स्थिति पर सतत निगरानी रखी जा रही है और मौजूदा हालात घबराने योग्य नहीं हैं।
क्या JN.1 वेरिएंट से घबराने की जरूरत है?
विशेषज्ञों के अनुसार, JN.1 की सबसे बड़ी समस्या इसकी तेज़ी से फैलने की क्षमता है। इसमें कुछ ऐसे अतिरिक्त म्यूटेशन हैं, जो वायरस को अधिकसंक्रामक बनाते हैं। हालांकि डॉक्टरों का मानना है कि यह वेरिएंट फिलहाल जानलेवा नहीं है और लोगों को घबराने की बजाय सतर्क रहने कीआवश्यकता है।