कांग्रेस नेता जय प्रकाश ने हाल ही में लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर जमकर हमला बोला। उन्होंने अपनी बात कृषि और न्यूनतमसमर्थन मूल्य (MSP) के मुद्दे पर रखते हुए बीजेपी सरकार को निशाने पर लिया। जय प्रकाश ने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है और हमारीअर्थव्यवस्था और रोजगार का बड़ा हिस्सा कृषि पर निर्भर करता है। उन्होंने यह भी कहा कि MSP 2014 के बाद ही शुरू नहीं हुई थी, बल्कि इससेपहले भी MSP अस्तित्व में थी। उन्होंने संविधान सभा में MSP पर हुई चर्चा का जिक्र करते हुए कहा कि जब जवाहरलाल नेहरू जी ने देश केविकास के लिए कृषि के उत्पादन का उचित मूल्य देने की बात की थी, तो यह एक दूरदर्शी कदम था, जो आज भी प्रासंगिक है।
जय प्रकाश ने 2014 और 2024 के MSP के आंकड़ों का तुलनात्मक विश्लेषण करते हुए बीजेपी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए। उन्होंनेबताया कि 2014 में धान की MSP ₹1,310 और गेहूं की MSP ₹1,400 थी। वहीं, 2024 में यह बढ़कर धान पर ₹2,320 और गेहूं पर₹2,450 हो गई है। हालांकि, जय प्रकाश ने यह भी जिक्र किया कि खेती के लिए किसानों को जिन चीजों की जरूरत होती है, जैसे खाद और उर्वरक, उनकी कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। उदाहरण के तौर पर, उन्होंने बताया कि DAP (डायअमोनियम फास्फेट) का दाम आज ₹1,600 है, जबकि UPA सरकार में यह ₹900 था। इसी तरह, यूरिया का दाम ₹265 था, जो अब ₹300 से अधिक हो चुका है।
कांग्रेस नेता ने बीजेपी सरकार की नीतियों पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने सवाल किया कि जब कृषि उत्पादन के लिए किसानों को आवश्यकवस्तुओं की कीमतें बढ़ रही हैं, तो MSP में कमी क्यों हो रही है? जय प्रकाश ने बीजेपी के चुनावी वादों का भी हवाला दिया और कहा कि चुनावों केदौरान बीजेपी ने दावा किया था कि हरियाणा में उनकी सरकार बनने पर धान का MSP ₹3,100 प्रति क्विंटल किया जाएगा। लेकिन सच्चाई यह हैकि बीजेपी सरकार ने धान का दाम ₹2,300 भी नहीं दिया और किसानों से धान ₹1,600 प्रति क्विंटल के दाम पर खरीदी गई। जय प्रकाश ने इसधोखाधड़ी की जांच की मांग की और कहा कि किसानों के साथ यह गहरे स्तर पर अन्याय हो रहा है।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार ने किसानों के बजाय बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाया है। उन्होंने कांग्रेस सरकार के दौरानकिसानों का 70,000 करोड़ रुपए का कर्ज माफ करने का उदाहरण दिया। इसके विपरीत, बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया कि उसने सिर्फ चंद बड़ेउद्योगपतियों के लाखों-करोड़ों रुपए माफ किए, जबकि किसान आज भी ऋणों के बोझ तले दबे हुए हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी की नीतियां किसानोंके हित में नहीं हैं, बल्कि वे केवल कुछ विशेष वर्गों की मदद करने के लिए हैं।
जय प्रकाश ने सरकार से यह भी अपील की कि किसानों की हालत सुधारने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं और MSP, उर्वरक की कीमतों में वृद्धिऔर किसानों के कर्ज माफी की दिशा में उचित निर्णय लिए जाएं। उन्होंने सरकार से मांग की कि उन सभी लोगों के खिलाफ जांच की जाए जिन्होंनेकिसानों के साथ धोखाधड़ी की है और चुनावी वादों का पालन नहीं किया। जय प्रकाश का यह बयान उन किसानों के प्रति सरकार की उपेक्षा कोउजागर करता है, जिनकी मेहनत से देश की कृषि व्यवस्था चलती है, लेकिन वे सरकारी नीतियों के चलते मुश्किलों का सामना कर रहे हैं।