भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 84वां पूर्ण अधिवेशन 8 और 9 अप्रैल 2025 को गुजरात के अहमदाबाद में आयोजित हुआ। यह अधिवेशन राजनीतिकदृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण रहा, जिसमें पार्टी की रणनीतियों, विचारधाराओं की पुनः पुष्टि और आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा पर चर्चा हुई।
अधिवेशन का मकसद और चर्चा का केंद्र
इस अधिवेशन का प्रमुख उद्देश्य केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ पार्टी की रणनीति तैयार करना और संविधान, लोकतंत्र तथा गांधीवादीविचारधारा पर हो रहे हमलों का विरोध करना था। कांग्रेस नेताओं ने मिलकर उन नीतियों और घटनाओं पर चर्चा की, जिन्हें वे जनविरोधी और लोकतंत्रविरोधी मानते हैं। अधिवेशन ने यह संदेश देने की कोशिश की कि कांग्रेस इन मुद्दों पर स्पष्ट और संगठित रूप से देश के सामने खड़ी है।
कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की अहम बैठक
अधिवेशन की शुरुआत कांग्रेस कार्यसमिति की विस्तारित बैठक से हुई, जो लगभग चार घंटे तक चली। इस बैठक में वर्तमान राजनीतिक हालात, चुनावी रणनीति और पार्टी के संगठनात्मक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया। बैठक में संविधान की रक्षा और गांधीवादी मूल्यों के प्रचार के लिएविशेष प्रस्ताव भी पारित किए गए।
गांधीवादी विचारधारा पर हो रहा हमला: जयराम रमेश
कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि आज महात्मा गांधी की विचारधारा पर योजनाबद्ध तरीके से हमला किया जा रहाहै। उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस गांधीजी की विरासत की रक्षा और उसके प्रचार-प्रसार के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। पार्टी का मानना है कि राष्ट्रपिताकी सोच आज के समय में और अधिक प्रासंगिक हो गई है।
‘जय बापू, जय भीम, जय संविधान’ रैली की घोषणा
अधिवेशन में यह घोषणा की गई कि कांग्रेस 27 दिसंबर को बेलगावी में एक भव्य रैली आयोजित करेगी, जिसका नाम होगा – ‘जय बापू, जय भीम, जय संविधान’। इस रैली का उद्देश्य गांधीजी और डॉ. बी.आर. आंबेडकर की विचारधाराओं की रक्षा और संविधान की मूल भावना को जन-जन तकपहुँचाना है।
आने वाले कार्यक्रम और जनजागरण अभियान
कांग्रेस ने यह भी ऐलान किया कि 26 जनवरी 2025 से लेकर 26 जनवरी 2026 तक पार्टी ‘संविधान बचाओ पदयात्रा’ नामक देशव्यापी अभियानचलाएगी। इस यात्रा के माध्यम से पार्टी संविधान की मूल भावना और लोकतांत्रिक मूल्यों के संरक्षण के लिए जनजागरण करेगी, खासकर युवाओंऔर ग्रामीण समुदायों को जागरूक करने पर ज़ोर रहेगा।