
कांग्रेस ने परीक्षाओं में बढ़ती धांधली को लेकर राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) पर सीधे तौर पर हमला बोला है। पार्टी ने आरोप लगाया कि यहसंस्था अब ‘नेशनल करप्शन एजेंसी’ बन चुकी है और केंद्र सरकार इसे बचाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस ने NEET और CUET जैसी परीक्षाओंमें सामने आए गड़बड़ी के मामलों पर नाराज़गी जताई है।
मोदी सरकार क्यों कर रही है NTA का बचाव?
दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में एनएसयूआई के प्रभारी और कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य कन्हैया कुमार ने सवालकिया कि जब NTA पर गंभीर आरोप लगे हैं, तो मोदी सरकार निष्पक्ष जांच से क्यों बच रही है? उन्होंने यह भी कहा कि पिछले सात महीनों सेलगातार परीक्षाओं में गड़बड़ी सामने आ रही है, बावजूद इसके कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है।
बिना मिलीभगत के गड़बड़ी संभव नहीं
कन्हैया कुमार ने महाराष्ट्र में दर्ज FIR का हवाला देते हुए कहा कि यदि CBI कहती है कि NTA के किसी अधिकारी की भूमिका नहीं है, तो भ्रष्टाचारनिरोधक अधिनियम के तहत मामला क्यों दर्ज किया गया? उन्होंने पूछा कि जिन अभिभावकों ने आरोप लगाए हैं, उनकी बातों को नज़रअंदाज़ क्योंकिया जा रहा है? क्या किसी ऊपरी अधिकारी की सहमति के बिना इतनी बड़ी गड़बड़ी संभव है?
देश की हर परीक्षा पर उठ रहे हैं सवाल
कन्हैया ने कहा कि पीएम मोदी परीक्षा पर चर्चा करते हैं, लेकिन देश में शायद ही कोई ऐसी परीक्षा बची हो जिस पर संदेह न हो। उन्होंने CUET परीक्षा पर भी सवाल उठाए और कहा कि 300 से अधिक विश्वविद्यालयों में दाखिला इसी के माध्यम से होता है, लेकिन इसकी प्रक्रिया पारदर्शी नहींरही। उन्होंने आरोप लगाया कि सीयूईटी का डेटा निजी कॉलेजों के पास लीक हो रहा है, जिससे वे छात्रों के अभिभावकों को एडमिशन के लिए कॉलकरते हैं।
पब्लिक यूनिवर्सिटी को जानबूझकर रोका जा रहा है
कन्हैया कुमार ने आरोप लगाया कि जानबूझकर सरकारी विश्वविद्यालयों की एडमिशन प्रक्रिया में देरी की जा रही है ताकि निजी कॉलेजों की सीटेंपहले भर जाएं। इससे छात्रों और अभिभावकों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि परीक्षा व्यवस्था में गड़बड़ी के कारण देश मेंहर घंटे दो युवा आत्महत्या जैसे कदम उठाने को मजबूर हो रहे हैं।
शिक्षा बजट और शिक्षकों की कमी पर भी सवाल
कन्हैया ने शिक्षा बजट में लगातार हो रही कटौती, शिक्षकों की भर्ती में देरी और नए चार वर्षीय अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम के बावजूद शिक्षकों की संख्या नबढ़ने पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि बिना योग्य शिक्षकों के देश ‘विश्वगुरु’ नहीं बन सकता और बिना कुशल डॉक्टरों के हमारी स्वास्थ्य व्यवस्थामजबूत नहीं हो सकती।
NEET से बनते हैं डॉक्टर, इसलिए हो निष्पक्ष जांच
एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने मांग की कि NTA के अधिकारियों की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि NEET जैसीपरीक्षा कोई सामान्य परीक्षा नहीं, बल्कि यह देश के स्वास्थ्य ढांचे की रीढ़ तैयार करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस बार भी NEET परीक्षा मेंओएमआर शीट को पैसे लेकर बदला गया, और सरकार आंखें मूंदे बैठी है।