डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को एक बार फिर 21 दिन की फरलो पर रिहा कर दिया गया है। रेप और हत्या के मामलों में सजायाफ्ताराम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल से बुधवार सुबह लगभग 6:30 बजे भारी सुरक्षा के बीच सिरसा के लिए रवाना हुए।
स्थापना दिवस से पहले मिली फरलो
इस बार की रिहाई डेरा सच्चा सौदा के 77वें स्थापना दिवस से पहले हुई है, जो 29 अप्रैल को मनाया जाना है। राम रहीम अब अगले 21 दिन सिरसास्थित डेरा मुख्यालय में बिताएंगे। इस दौरान डेरा अनुयायियों के बीच विशेष सत्संग और अन्य धार्मिक गतिविधियों की संभावना जताई जा रही है।
पहले भी मिलती रही है पैरोल
राम रहीम को पहले भी कई बार पैरोल और फरलो मिलती रही है। जनवरी में ही उन्हें 30 दिन की पैरोल दी गई थी, जिसमें से उन्होंने 10 दिन सिरसामें और शेष समय उत्तर प्रदेश के बरनावा आश्रम में बिताए थे। अब तक उन्हें कुल 13 बार अस्थायी रूप से रिहा किया जा चुका है।
राजनीतिक समीकरण और आलोचना
राजनीतिक विश्लेषकों और पीड़ित पक्षों का आरोप है कि राम रहीम की रिहाई चुनावों के समय के अनुसार होती रही है। खासकर हरियाणा और पंजाबमें डेरा अनुयायियों के प्रभाव को देखते हुए कई राजनीतिक दल खुलकर टिप्पणी करने से बचते हैं। 2023 में हरियाणा पंचायत चुनाव से पहले भी डेराप्रमुख ने बीजेपी के समर्थन की अपील की थी।
कानून में बदलाव ने दी सहूलियत?
2022 में हरियाणा सरकार ने अस्थायी रिहाई से संबंधित कानून में बदलाव कर दिए थे। ‘हरियाणा गुड कंडक्ट प्रिजनर्स एक्ट, 2022’ के तहत फरलोबिना किसी खास कारण के दी जा सकती है, जबकि पैरोल खास परिस्थितियों के लिए होती है। आलोचकों का मानना है कि इस बदलाव ने रामरहीम की रिहाई की राह आसान कर दी।
कानूनी चुनौतियां और असफल प्रयास
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) राम रहीम की लगातार रिहाई को लेकर उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय तक जा चुकी है।हालांकि, अदालतों ने हस्तक्षेप से इनकार कर दिया है। मई 2024 में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने उन्हें रंजीत सिंह हत्याकांड में बरी कर दिया, जिसकी अपील फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
गंभीर अपराधों में दोषी करार
राम रहीम को अगस्त 2017 में दो साध्वियों के यौन शोषण के मामले में 20 साल की सजा सुनाई गई थी। इसके अलावा पत्रकार रामचंद्र छत्रपतिऔर डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या में भी उन्हें आजीवन कारावास मिला है।