आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता संजय सिंह ने रविवार को दिल्ली हाई कोर्ट के एक जज के घर से मिले रुपए के बंडलों के मामले को लेकर गंभीरआरोप लगाए। प्रेस वार्ता के दौरान संजय सिंह ने कहा कि इस घटना से भारतीय न्यायपालिका की विश्वसनीयता पर गहरी चोट लगी है। उन्होंने यह भीकहा कि इस मामले में संबंधित जज का तत्काल इस्तीफा होना चाहिए, ताकि मामले की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच हो सके।
न्यायपालिका की विश्वसनीयता पर हमला
संजय सिंह ने दिल्ली हाई कोर्ट के जज के घर से रुपए के बंडल मिलने की घटना को लेकर सवाल उठाए और इसे भारतीय न्यायपालिका की स्वतंत्रताऔर विश्वसनीयता पर हमला बताया। उन्होंने कहा, “भारत में न्यायपालिका को लेकर जनता का भरोसा बहुत अहम है, लेकिन इस घटना ने इसे गंभीररूप से चोट पहुंचाई है।” उनके मुताबिक, यदि जज अपने पद पर बने रहते हैं तो निष्पक्ष जांच कैसे हो सकती है? इसलिए, उन्होंने जज से इस्तीफा देनेकी मांग की, ताकि जांच में कोई भी हस्तक्षेप न हो और न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को नुकसान न पहुंचे।
निष्पक्ष जांच की आवश्यकता
संजय सिंह ने कहा कि न्यायपालिका की निष्पक्षता और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए यह बेहद जरूरी है कि जज को अपने पद से इस्तीफा दे देनाचाहिए। उनका कहना था कि जब तक वह पद पर बने रहेंगे, जांच पर सवाल उठ सकते हैं और यह पूरी प्रक्रिया को संदिग्ध बना सकता है। उन्होंने इसमामले को लेकर गंभीर चिंता जताई और कहा कि किसी भी स्थिति में न्याय का हनन नहीं होना चाहिए।
संघीय ढांचे को लेकर बीजेपी पर हमला
प्रेस वार्ता में संजय सिंह ने बीजेपी की नीतियों पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि भारत एक संघीय ढांचे वाला देश है, जहां राज्यों को अपनीनीतियों और फैसलों को लेकर स्वतंत्रता प्राप्त है। लेकिन अब बीजेपी संसद में राज्यों के प्रतिनिधित्व को कम करने की कोशिश कर रही है, जोसंविधान के खिलाफ है। सिंह ने आरोप लगाया कि बीजेपी की यह कोशिश राज्यों की स्वतंत्रता को कमजोर करने और केंद्रीय सत्ता को और मजबूतकरने की रणनीति का हिस्सा है।
राज्य सरकारों के खिलाफ बीजेपी की साजिश
संजय सिंह ने कहा, “राज्य सरकारें अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए लोकतंत्र को सशक्त बना रही हैं, लेकिन बीजेपी यह नहीं चाहती कि राज्यों काप्रतिनिधित्व संसद में मजबूत हो।” उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे को लेकर अब राज्यों के मुख्यमंत्री और अन्य राजनीतिक दल आवाज उठा रहे हैं।उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्य सरकारें इस पर अपनी आवाज़ बुलंद करेंगी और इस साजिश का मुकाबला करेंगी।
राजनीतिक दलों की एकजुटता की आवश्यकता
संजय सिंह ने यह भी कहा कि अब समय आ गया है जब सभी राजनीतिक दल मिलकर एकजुट हों और राज्यों के अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्षकरें। उनका मानना है कि इस तरह के प्रयासों से ही संघीय ढांचे की ताकत बनी रह सकती है और राज्यों को अपनी नीतियां और फैसले लेने कीस्वतंत्रता मिल सकती है।
संजय सिंह ने दिल्ली हाई कोर्ट के जज से जुड़ी घटना को भारतीय न्यायपालिका की प्रतिष्ठा के लिए गंभीर चिंता का विषय बताया और जज सेइस्तीफे की मांग की। इसके साथ ही, उन्होंने बीजेपी की संघीय ढांचे के खिलाफ उठाई जा रही नीतियों का विरोध किया और राज्यों के मुख्यमंत्री औरराजनीतिक दलों से इस पर आवाज़ उठाने की अपील की। इस प्रेस वार्ता ने एक बार फिर राज्य सरकारों के अधिकारों और न्यायपालिका की निष्पक्षताको लेकर एक अहम चर्चा को जन्म दिया है, जो आगामी समय में और भी महत्वपूर्ण हो सकती है।