"National   Voice  -   खबर देश की, सवाल आपका"   -    *Breaking News*   |     "National   Voice  -   खबर देश की, सवाल आपका"   -    *Breaking News*   |     "National   Voice  -   खबर देश की, सवाल आपका"   -    *Breaking News*   |    

देश में आपातकाल लगाए जाने की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर दिल्ली भाजपा महिला मोर्चा द्वारा महाराष्ट्र सदन में एक मॉक पार्लियामेंट सत्र काआयोजन किया गया। इस कार्यक्रम को दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने संबोधित किया। यह आयोजन दिल्लीभाजपा महिला मोर्चा अध्यक्ष ऋचा पांडेय मिश्रा के नेतृत्व में सम्पन्न हुआ।

आपातकाल में विरोध की हर आवाज को दबा दिया गया
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आपातकाल के दौरान सरकार के खिलाफ बोलने वालों को बिना सुनवाई और बिनाकिसी कानूनी प्रक्रिया के जेल में डाल दिया जाता था। पूरे देश में भय का माहौल बना दिया गया था, जिससे भारत एक खुली जेल जैसा बन गयाथा।

उन्होंने बताया कि उन दिनों में जो भी सरकार के खिलाफ बोल सकता था, उसके नाम पहले से तय कर लिए जाते थे और रातों-रात जेल में डाल दियाजाता था। मीडिया हाउस बंद कर दिए गए, अखबारों पर पाबंदी लगा दी गई और सब कुछ तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निर्देश पर होता था।

रेखा गुप्ता ने यह भी बताया कि आपातकाल के दौरान फिल्म अभिनेता मनोज कुमार जैसे कलाकारों पर भी बैन लगाया गया और नसबंदी अभियानचलाकर जनता के बीच डर फैलाया गया था। उन्होंने कहा कि यह काला अध्याय हमें बार-बार याद करना चाहिए ताकि यह फिर कभी दोहराया नजाए।

मोदी सरकार ने महिलाओं को दिया वास्तविक सशक्तिकरण
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए कहा कि लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देना एकऐतिहासिक फैसला है, जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम है। उन्होंने कहा, “जहां एक ओर आपातकाल केवल सत्ता बचाने की कोशिशथी, वहीं आज नरेंद्र मोदी जी एक संरक्षक की तरह देश का नेतृत्व कर रहे हैं जो राजनीति के साथ-साथ जनता के स्वास्थ्य और भूख की भी चिंता करतेहैं।”

कांग्रेस ने संविधान और लोकतंत्र का किया दुरुपयोग
भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने आपातकाल को लोकतंत्र के लिए घातक बताते हुए कहा कि कांग्रेस ने जब चाहा, संविधान में मनमर्जी से बदलावकिए और जो लोग देशहित में आवाज उठाते थे उन्हें जेल में डाल दिया गया ताकि सरकार की नाकामी के खिलाफ कोई विरोध न हो सके।

उन्होंने कहा कि 25 जून 1975 की रात जब देश गरीबी, बेरोजगारी और असंतोष से जूझ रहा था, तब केवल सत्ता में बने रहने की लालसा में इंदिरागांधी ने रेडियो पर आपातकाल की घोषणा कर दी। यह निर्णय लोकतंत्र को कुचलने, संविधान को नजरअंदाज करने और नागरिक अधिकारों कोसमाप्त करने वाला था।

बांसुरी स्वराज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लागू किए गए 33 फीसदी आरक्षण की चर्चा करते हुए कहा, “यह आखिरी लोकसभा है जिसमें महिलाओंकी भागीदारी कम है। अगली लोकसभा में महिलाएं संख्या और प्रभाव दोनों में पुरुषों को टक्कर देंगी।”

महिलाओं की सक्रिय भागीदारी
कार्यक्रम में प्रियल भारद्वाज, सरिता तोमर और वैशाली पोद्दार सहित सैकड़ों महिलाओं ने भाग लिया। महिला मोर्चा अध्यक्ष ऋचा पांडेय मिश्रा नेउद्घाटन भाषण में कहा कि आपातकाल लोकतंत्र और संविधान की हत्या का दिन था, जिसे “काला दिवस” के रूप में याद किया जाना चाहिए। उन्होंनेकहा, “जिस कांग्रेस ने कभी संविधान और लोकतंत्र का गला घोंटा, आज वही संविधान बचाने की बातें कर रही है, यह विडंबना है।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *