कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने हालिया आतंकी घटनाओं को लेकर केंद्र सरकार पर गम्भीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि देश के नागरिक अब भीजानना चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में हुए हमलों के दोषी अब तक क्यों नहीं पकड़े गए हैं।
प्रधानमंत्री की भाषा पर उठाया सवाल
प्रेस वार्ता के दौरान खेड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शैली पर निशाना साधते हुए कहा कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे गंभीर विषयों पर हास्य और फिल्मीसंवादों के अंदाज़ में बात कर रहे हैं। “कभी वह किसी फिल्मी खलनायक की तरह बोलते हैं, कभी हास्य कलाकार की तरह — क्या यह देश केप्रधानमंत्री को शोभा देता है?” उन्होंने कहा।
पहलगाम, पुंछ और गांदरबल हमलों का कोई सुराग नहीं
खेड़ा ने कहा कि वर्ष 2023 में पुंछ, 2024 में गांदरबल और अप्रैल 2025 में पहलगाम में हुए आतंकी हमलों की अब तक कोई ठोस जांच रिपोर्टसामने नहीं आई है। उन्होंने पूछा कि इन हमलों में शामिल आतंकवादियों को पकड़ने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।
हाफिज सईद और मसूद अजहर को लेकर चिंता
उन्होंने यह भी सवाल किया कि सरकार यह नहीं बता पा रही है कि हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे वांछित आतंकवादी कैसे आज़ाद घूम रहे हैं।खेड़ा ने पूछा, “क्या भारत-पाकिस्तान सीजफायर समझौते में इनकी गिरफ्तारी या प्रत्यर्पण की कोई बात शामिल थी? अगर हां, तो जनता को क्योंअंधेरे में रखा गया है?”
सीजफायर समझौते की जानकारी सार्वजनिक करने की मांग
खेड़ा ने यह मांग भी रखी कि सरकार को पाकिस्तान के साथ हुए सीजफायर के सभी बिंदुओं को संसद में सार्वजनिक करना चाहिए। उन्होंने आरोपलगाया कि सरकार इन गंभीर मुद्दों पर पारदर्शिता से काम नहीं कर रही।
संसद सत्र और सर्वदलीय बैठक की ज़रूरत
कांग्रेस पार्टी और कई अन्य विपक्षी दलों ने पहलगाम आतंकी घटना और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे मामलों पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलानेकी मांग की है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक का आयोजन करने की भी बात कही गई है। सरकार की ओर से अब तकइस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
“देश को चाहिए जवाब, न कि संवाद”
खेड़ा ने अंत में कहा कि आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दों पर सरकार को ज़िम्मेदारी के साथ पेश आना चाहिए। “देश सिर्फ नारे नहीं, ठोस जवाब चाहता है।अगर सरकार जवाब नहीं दे पा रही, तो यह लोकतंत्र के लिए चिंता की बात है।”