
वाईएसआरसीपी के वरिष्ठ नेता जोगी रमेश और उनके भाई जोगी रामू को गिरफ्तार किया गया है। उन पर आंध्र प्रदेश में कथित तौर पर नकली शराबबनाने और उसे बेचने का आरोप है। अधिकारियों ने बताया कि दोनों को रविवार सुबह आबकारी विभाग के अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किया गयाथा। इसके बाद उन्हें देर रात स्थानीय अदालत में पेश किया गया। रिमांड रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों को आंध्र प्रदेश आबकारी अधिनियम, 1968 और आंध्र प्रदेश निषेध अधिनियम, 1995 तथा कई अन्य वैधानिक प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया। अधिकारी ने बताया कि ये गिरफ्तारियांराज्य में कई स्थानों पर सुव्यवस्थित नकली शराब निर्माण, वितरण और बिक्री की जब्ती के बाद की गईं। इस बीच, वाईएसआरसीपी प्रमुख वाईएसजगन मोहन रेड्डी ने रमेश की गिरफ्तारी को लेकर मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कहा कि चंद्रबाबू नायडू यहकदम अवैध तरीके से बदला लेने के लिए उठा रहे हैं। जगन ने आरोप लगाया कि चंद्रबाबू नायडू के लोगों को नकली शराब फैक्ट्रियों का पर्दाफाशहोने के बाद रंगे हाथों पकड़ा गया। ऐसे में अब वे सत्ता का दुरुपयोग करते हुए विपक्षी नेताओं को परेशान करने के लिए बेशर्म साजिशों का सहारा लेरहे हैं।
भगदड़ से ध्यान हटाने के लिए यह गिरफ्तारी
पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि अधिकारियों द्वारा जब्त की गई नकली शराब नायडू सरकार के करीबी लोगों की थी, जिनमें तेलुगू देशम पार्टी(टीडीपी) के विधायक उम्मीदवार भी शामिल थे। जगन ने कहा कि शराब निजी दुकानों, बेल्ट शॉप (अवैध शराब की दुकानों) और नायडू के संरक्षण मेंटीडीपी नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा संचालित परमिट पर बेची जा रही थी। उन्होंने आगे दावा किया कि शराब मामले की जांच कर रहा विशेष जांचदल (एसआईटी) पूरी तरह से नायडू के आदेश पर काम करता है और उससे आरोपों की निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं की जा सकती। रेड्डी ने आरोपलगाया कि सरकार ने हाल ही में कासीबुग्गा मंदिर में हुई भगदड़ से ध्यान हटाने के लिए यह गिरफ्तारी की है, जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई थी।