अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रोज सुबह उठकर दुनिया को चौंकाने का मन बना रखा है दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद टैरिफ से जुड़ी हर दिन नई-नईघोषणाएं करने वाले ट्रंप ने बुधवार को फिर ऐसा कुछ किया. जिससे लोग बोल उठे “मिस्टर प्रेसिडेंट इनफ नाऊ” दरअसल जिस टैरिफ का एलान करट्रंप ने दो अप्रैल 2025 को अमेरिका के लिए मुक्ति का दिन बताया था. 9 अप्रैल को उसी टैरिफ के एलान को 90 दिन के लिए टाल दिया गया(केवल चीन को छोड़कर) टैरिफ पर ट्रंप की अब तक की बयानबाजी को देखते हुए इसे 90 दिनों तक टालने का फैसला एक बड़ा उलटफेर साबितहुआ और शेयर बाजार में भी इसके बाद उछाल नजर आया. हालांकि दुनिया के बाकी देशों को टैरिफ से राहत देते हुए ट्रंप ने चीन पर 125% टैरिफलगाने का एलान कर दिया. जिससे बाजार में अनिश्चतता बरकरार है.ट्रंप ने जैसे ही अपने नए कदम की जानकारी अपने ट्रुथ सोशल मीडिया खाते पर दीवॉल स्ट्रीट और एशिया भर के बाजारों में मजबूती दिखी.
ट्रंम्प ने किया पोस्ट
ट्रंम्प ने पोस्ट किया मैंने टैरिफ को 90 दिन के लिए टालने को सहमति दी है. इस फैसले का कारण 75 से अधिक देशों की ओर से व्यापार वार्ता केलिए आगे आना और जवाबी कार्रवाई से परहेज करना है.टैरिफ वापस लेने के ट्रंप के फैसले के बाद अमेरिकी शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांकएसएंडपी 500 में 9.5% की वृद्धि दर्ज की गई. एसएंडपी के लिहाज से बुधवार का दिन बाजार में 1940 के बाद से तीसरा सबसे अच्छा दिन रहा. ट्रंप के फैसले के बाद डॉव जोन्स भी लगभग 3,000 अंक तक उछाला। इससे टैरिफ के एलानों के बाद बाजार में हुए नुकसान की थोड़ी ही सहीभरपाई होने में मदद मिली. हालांकि टैरिफ वापस लेने के फैसले से दुनिया के ज्यादातर देशों ने राहत की सांस ली. लेकिन ट्रंप ने साफ कर दिया किचीन पर सितम जारी रहेगा उस पर सिर्फ दबाव बढ़ेगा.
सरकार का नियम केवल आर्थिक ही नहीं
टैरिफ के जरिए चीन को अलग-थलग करने का ट्रम्प सरकार का निर्णय केवल आर्थिक ही नहीं है. यह अत्यंत व्यक्तिगत और रणनीतिकभी है ट्रंप नेअमेरिकी वस्तुओं पर चीन की ओर से 84% के नए टैरिफ के एलान के बाद कहा. वे बहुत अपमानजनक थे उन्होंने सही जवाब नहीं दिया उन्होंनेजवाबी कार्रवाई की. ट्रंप लंबे समय से चीन को आर्थिक मोर्चे पर मुख्य खलनायक के रूप में देखते रहे हैं उन्होंने बीजिंग पर सस्ते माल की डंपिंग करनेमुद्रा बाजार में हेरफेर करने और अमेरिकी बौद्धिक संपदा की चोरी करने का आरोप लगाया है. उन्होंने बार-बार यह भी दावा किया है कि चीनी नेता यहनहीं समझ पा रहे हैं कि उनके साथ कैसे बातचीत की जाए. वाशिंगटन और बीजिंग के बीच बातचीत महीनों से रुकी हुई है ट्रंप ने अपने बयानों में कहाहै चीन एक सौदा