बॉलीवुड के मेगास्टार अमिताभ बच्चन का स्टारडम 82 साल की उम्र में भी पहले जैसा ही शानदार बना हुआ है। 70 के दशक से लेकर आज तक, अमिताभ ने न केवल भारतीय सिनेमा में अपनी एक अहम जगह बनाई है, बल्कि उनका नाम भी सिनेमाई दुनिया में सबसे प्रतिष्ठित नामों में शामिल है।उनके बेटे अभिषेक बच्चन ने भी फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने की कोशिश की, लेकिन उनका स्टारडम अमिताभ बच्चन की छांव के नीचे थोड़ाफीका पड़ता है। इस बारे में बिग बी कई बार अपनी राय भी खुलकर रख चुके हैं। हाल ही में अमिताभ ने एक सोशल मीडिया पोस्ट शेयर किया, जिसमें उन्होंने अपने बेटे अभिषेक बच्चन के बारे में एक बहुत ही चौंकाने वाली बात कही। अमिताभ ने अपने पोस्ट में लिखा, “मेरे बेटे, बेटे होने से मेरेउत्तराधिकारी नहीं होंगे, जो मेरे उत्तराधिकारी होंगे वो मेरे बेटे होंगे। पूज्य बाबूजी के शब्द और अभिषेक उसे निभा रहे हैं, एक नयी शुरुआत।”
अमिताभ का यह बयान तब सामने आया जब अभिषेक बच्चन ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया, जिसमें उन्होंने ‘यूरोपियन टी-20 प्रीमियरलीग’ के प्रमोशन के लिए अपनी भूमिका के बारे में जानकारी दी थी। इस टूर्नामेंट को प्रमोट करने के लिए अभिषेक बच्चन को चुना गया है और वहआयरलैंड की राजधानी डबलिन में भी पहुंचे थे। उनके डबलिन पहुंचने पर एक ग्रैंड वेलकम हुआ था, जिसका अभिषेक ने सोशल मीडिया पर जिक्रकिया था। इसके बाद अमिताभ बच्चन ने अपने बेटे के पोस्ट को री-शेयर करते हुए अपने पिता, कवि हरिवंश राय बच्चन की कुछ महत्वपूर्ण पंक्तियांकोट की, जिसमें उन्होंने लिखा कि “मेरे बेटे मेरे उत्तराधिकारी नहीं होंगे और जो उत्तराधिकारी होंगे वे मेरे बेटे नहीं होंगे।” यह बात सोशल मीडिया परकाफी चर्चा का विषय बनी।
अमिताभ बच्चन का यह पोस्ट न केवल उनके बेटे अभिषेक के प्रति उनके प्यार और सम्मान को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि वे अपनीलेगेसी को लेकर कितने गंभीर हैं। अमिताभ का यह बयान उनके पिताजी के विचारों का प्रतीक है, जो उन्होंने अपने जीवन में हमेशा निभाए। यह पोस्टदेखकर न केवल उनके फैन्स, बल्कि फिल्म इंडस्ट्री के लोग भी हैरान रह गए थे। कई लोग इस पोस्ट को लेकर सोच में पड़ गए थे, लेकिन जब उन्होंनेहरिवंश राय बच्चन के शब्दों को पढ़ा, तो समझ में आया कि यह एक गहरी और प्रेरणादायक बात है।
अमिताभ बच्चन हमेशा अपने परिवार और खासकर अपने बेटे अभिषेक के प्रति स्नेहभाव रखते हैं। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट किया है कि उनकीविरासत उनके परिवार के किसी एक सदस्य के लिए नहीं होगी। इसका मतलब यह भी है कि वे चाहते हैं कि उनकी पूरी परिवार की धरोहर और सम्मानको एकजुट रूप से आगे बढ़ाया जाए, न कि केवल एक व्यक्ति पर निर्भर किया जाए। अभिषेक बच्चन की बात करें तो वे अब फिल्मों के अलावा अन्यगतिविधियों में भी भाग ले रहे हैं, जैसे कि क्रिकेट के प्रमोशन में। यूरोपीय टी-20 लीग के प्रमोशन में उनकी सक्रिय भूमिका इस बात का प्रमाण है किअभिषेक का दायरा अब केवल फिल्म इंडस्ट्री तक सीमित नहीं है।
अभिषेक ने खुद इस बात को स्वीकार किया कि उनके लिए क्रिकेट प्रमोशन एक नई चुनौती है। इस टूर्नामेंट को लेकर उनका उत्साह दिखा है, और वेइसे भारत में भी लोकप्रिय बनाने के लिए पूरी मेहनत से काम कर रहे हैं। यूरोपीय टी-20 प्रीमियर लीग, जो 15 जुलाई से शुरू होगी, क्रिकेट प्रेमियों केबीच एक नई धारा बनाने की उम्मीद है। इस टूर्नामेंट में दुनियाभर के क्रिकेटर हिस्सा लेंगे, और यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह टूर्नामेंटआईपीएल की तरह ही लोकप्रिय हो पाता है।
अंततः, अमिताभ बच्चन का यह बयान उनके जीवन के अनुभवों और उनके पिताजी की शिक्षा का एक प्रतिबिंब है। उनका यह संदेश साफ तौर पर यहदर्शाता है कि स्टारडम और उत्तराधिकारी बनने का कोई सीधा संबंध नहीं होता। इस जटिल और चुनौतीपूर्ण रास्ते में जहां व्यक्तिगत क्षमताओं औरप्रतिबद्धता की अहमियत होती है, वहीं परिवार और परंपरा भी महत्वपूर्ण होते हैं।