बरेली जिले की एक अदालत ने भारतीय पुलिस सेवा (IPS) की एक महिला अधिकारी को कार से कुचलने के प्रयास के मामले में 4 सिपाहियों कोदोषी ठहराया है। अदालत ने दोषियों को सोमवार को सजा सुनाने का निर्णय लिया है। विशेष लोक अभियोजक मनोज वाजपेई ने बताया कि मामलेकी सुनवाई पूरी करने के बाद भ्रष्टाचार निवारण अदालत-प्रथम के विशेष न्यायाधीश सुरेश कुमार गुप्ता ने चारों आरोपियों को हत्या के प्रयास का दोषीकरार दिया है।
24 फरवरी को आएगा कोर्ट का फैसला इन चारों आरोपी कांस्टेबलों के नाम रविंद्र, मनोज कुमार, रविंद्र सिंह और धर्मेंद्र हैं। ये सभी आईपीएस महिलाअधिकारी के हत्या के प्रयास में दोषी ठहराए गए हैं। अदालत के आदेश के बाद इन चारों आरोपी कांस्टेबलों को जेल भेज दिया गया। अदालतसोमवार 24 फरवरी को इस मामले में अपना फैसला सुनाएगी।
साल 2010 की घटना विशेष लोक अभियोजक मनोज वाजपेई ने बताया कि यह घटना साल 2010 की है। उस समय पुलिस अधीक्षक (यातायात) कल्पना सक्सेना को जाट रेजिमेंट से सूचना मिली थी कि कुछ सिपाही नकटिया पुल के पास ट्रक चालकों से अवैध वसूली कर रहे हैं। सूचना पर वहअपनी निजी गाड़ी से अन्य सिपाहियों के साथ शाम 6:30 बजे मौके पर पहुंची तो उन्होंने देखा कि सिपाही रविंद्र, मनोज कुमार, रविंद्र सिंह और धर्मेंद्रट्रक चालकों से अवैध वसूली कर रहे थे।
महिला अधिकारी को कार से कुचलने की कोशिश जब पुलिस अधीक्षक ने आरोपियों को पकड़ने का प्रयास किया, तो वे अपनी गाड़ी से भागने लगे।इस दौरान पुलिस अधीक्षक ने एक सिपाही को पकड़ लिया, जिसके बाद आरोपियों ने अपनी कार से कल्पना सक्सेना को कुचलने का प्रयास किया।
तत्काल प्रभाव से निलंबित किए गए चारों सिपाही इसके बाद भी जब पुलिस अधिकारी ने उन्हें भागने से रोका, तो आरोपियों ने उन्हें धक्का देकर सड़कपर गिरा दिया, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं। घायल अवस्था में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। आरोपियों के खिलाफ कैंट थाने में प्राथमिकी दर्जकराई गई और उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
वर्तमान में गाजियाबाद में DIG हैं कल्पना सक्सेना इस मामले की जांच पूरी कर पुलिस ने आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया। अब अदालतसोमवार को सजा सुनाएगी। आईपीएस अधिकारी कल्पना सक्सेना, जो कि 2010 बैच की अधिकारी हैं, वर्तमान में गाजियाबाद पुलिस आयुक्तालयमें उप महानिरीक्षक (DIG) के पद पर कार्यरत हैं।