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उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ के आयोजन को लेकर अपनी सरकार का पक्ष रखा। इस दौरान उन्होंनेमहाकुंभ के आयोजन को लेकर किए गए इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ रजत शर्मा के कमेंट का भी जिक्र किया। सीएम योगी ने कहाकि महाकुंभ में किसी भी व्यक्ति के साथ भेदभाव नहीं हुआ और आयोजन को लेकर जो टिप्पणी की गई, वह बहुत महत्वपूर्ण है।

रजत शर्मा ने महाकुंभ के आयोजन को लेकर अपनी टिप्पणी में कहा था कि यह आयोजन एक बड़ा साहसिक कार्य था और यूपी सरकार ने यह हिम्मतदिखाई। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महाकुंभ का सफल आयोजन किसी चमत्कार से कम नहीं है। यह तब औरभी महत्वपूर्ण बन जाता है जब करोड़ों लोग एक साथ और एक स्थान पर इकट्ठा होते हैं, जिससे सुरक्षा और प्रबंधन की चुनौती और भी बढ़ जाती है।

सीएम योगी ने आगे कहा कि महाकुंभ ने यह साबित कर दिया कि अगर इच्छा शक्ति मजबूत हो, तो 66 करोड़ लोगों को सफलतापूर्वक मैनेज कियाजा सकता है। उन्होंने इस आयोजन में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को लेकर भी अपनी बात रखी। उनका कहना था कि अगर तकनीकी साधनों का सहीउपयोग किया जाए तो सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित किया जा सकता है। साथ ही, यदि अच्छे कम्युनिकेशन स्किल्स हों तो करोड़ों लोगों के आने-जानेका प्रबंधन भी आसान हो सकता है।

उन्होंने यह भी कहा कि अगर लोगों का सहयोग मिले, तो लाखों लोगों के खाने-पीने का इंतजाम करना भी संभव हो सकता है। मुख्यमंत्री योगी ने यहउल्लेख किया कि महाकुंभ के दौरान पुलिस का व्यवहार हमेशा सख्त रहता है, लेकिन इस बार पुलिस ने एक दोस्ताना रुख अपनाया। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि महाकुंभ के आयोजन में सभी वर्गों के लिए समान अवसर उपलब्ध कराए गए, चाहे वे गरीब हों या अमीर, सबको संगम मेंडुबकी लगाने का बराबरी का मौका मिला।

सीएम योगी ने महाकुंभ के आयोजन को आर्थिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण बताया। उनका कहना था कि अगर बिजनेस की कुशलता हो, तो इसआयोजन से न केवल संस्कृति और धर्म का प्रचार-प्रसार होता है, बल्कि इसके जरिए बड़ी आर्थिक सफलता भी हासिल की जा सकती है। उन्होंने कहाकि महाकुंभ के आयोजन में करीब साढ़े सात हजार करोड़ रुपये खर्च हुए, लेकिन इससे तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक का लाभ हुआ।

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