बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की प्रिलिम्स परीक्षा को लेकर विवाद अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। एक याचिका में BPSC की प्रिलिम्सपरीक्षा को रद्द करने की मांग की गई है, जिसमें परीक्षा में व्यापक धांधली के आरोप लगाए गए हैं। याचिका में कहा गया है कि इस परीक्षा में बड़ेपैमाने पर अनियमितताएँ हुई हैं, जिससे छात्रों और शैक्षिक संस्थाओं में गहरी चिंता फैल गई है।
पुलिस हिंसा पर कार्रवाई की भी मांग
प्रिलिम्स परीक्षा को रद्द करने के अलावा, याचिका में प्रदर्शनकारी छात्रों पर पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज पर भी कार्रवाई की मांग की गई है।याचिका में जिले के पुलिस अधीक्षक (SP) और जिलाधिकारी (DM) को जिम्मेदार ठहराया गया है, जो कथित तौर पर छात्रों पर हिंसक कार्रवाई मेंशामिल थे। छात्रों का आरोप है कि वे परीक्षा में हुई धांधली के खिलाफ शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे, तभी पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया, जिससे छात्रों के बीच गुस्सा और आक्रोश फैल गया।
बिहार सरकार पर बढ़ा दबाव
सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंचने के बाद बिहार सरकार पर इस विवाद को लेकर बढ़ा हुआ दबाव है। याचिकाकर्ता इस बात पर जोर दे रहे हैं कि परीक्षाकी प्रक्रिया की ईमानदारी को गंभीर रूप से नुकसान हुआ है और इस पर तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि छात्रों का विश्वास फिर से बहाल होसके।