कांग्रेस पार्टी ने 25 जनवरी 2025 को चुनाव आयोग से शिकायत की है कि भाजपा द्वारा प्रचारित फ़िल्म ‘दिल्ली 2020’ को दिल्ली विधानसभाचुनाव से ठीक पहले रिलीज किया जा रहा है। कांग्रेस का आरोप है कि यह फ़िल्म भ्रामक और ग़लत घटनाओं का चित्रण करती है, जिसका मुख्यउद्देश्य विशेष समुदाय के खिलाफ नफ़रत फैलाना है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग से अपील की है कि इस फ़िल्म की रिलीज़ को चुनावी प्रक्रिया कीनिष्पक्षता को बनाए रखने के लिए स्थगित किया जाए।
कांग्रेस ने यह भी सवाल उठाया कि भाजपा अपने चुनावी उम्मीदवारों और अभियान पर विश्वास न होने के कारण नफ़रती फ़िल्मों का प्रचार कर रही है।साथ ही कांग्रेस ने यह भी पूछा कि क्या अब राजनीतिक दल अपने चुनाव अभियान का हिस्सा बनाकर प्रचार फ़िल्में बनाना शुरू कर देंगे, जिससेचुनावी माहौल में सांप्रदायिक तनाव बढ़े।
आज़ादी का अमृत महोत्सव और सांप्रदायिकता का खतरा
गणतंत्र दिवस के अवसर पर कांग्रेस नेता डॉ. अभिषेक सिंघवी ने कहा कि जब देश अपनी आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तब दूसरी ओर सत्ताकी भूख ने देश के सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुँचाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता में बैठे लोग संविधान की अनदेखी कर समाज मेंसांप्रदायिकता का ज़हर फैला रहे हैं।
संविधान की अवहेलना और चुनाव आयोग की निष्क्रियता
डॉ. सिंघवी ने संविधान और गणतंत्र दिवस की विडंबना पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस सिर्फ एक राष्ट्रीय पर्व नहीं है, बल्कि यहहमें संविधान की महत्ता और लोकतांत्रिक व्यवस्था का अहसास कराता है। लेकिन आज सत्ता में बैठे लोग संवैधानिक मूल्यों को रौंदने में लगे हैं।
इसके साथ ही उन्होंने चुनाव आयोग की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाए। उनका कहना था कि चुनाव आयोग का काम निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करनाहै, लेकिन वर्तमान में यह संस्था सत्ता के दबाव में अपनी आँखें मूंदे बैठी हुई है।
कांग्रेस ने चुनाव आयोग से किया अनुरोध
कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा और आम आदमी पार्टी (AAP) ने सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर अपने राजनीतिक विरोधियों कोबदनाम करने की कोशिश की है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग से अपील की है कि सोशल मीडिया पर बिना मंजूरी के चल रहे राजनीतिक विज्ञापनों कोरोका जाए, ताकि चुनावी प्रक्रिया में कोई अनुचित लाभ न उठाया जा सके।
बीजेपी और AAP से पूछे सवाल
कांग्रेस ने भाजपा से पूछा कि क्या उन्हें अपने उम्मीदवारों और चुनाव अभियान पर विश्वास नहीं है, जिस कारण उन्हें नफ़रती फ़िल्मों का प्रचार करना पड़रहा है। इसके साथ ही कांग्रेस ने यह सवाल भी उठाया कि क्या राजनीतिक दल अब अपने चुनाव अभियान के हिस्से के रूप में प्रचार फ़िल्में बनाना शुरूकर देंगे? कांग्रेस ने AAP से भी सवाल किया कि क्या दिल्ली विधानसभा चुनाव में बिना किसी ठोस आधार के आरोप लगाकर ही जीत हासिल करनेकी कोशिश की जा रही है?