देशभर में 12,000 से अधिक वाहनों की फर्जी इंश्योरेंस पॉलिसी जारी करने वाले एक गैंग का खुलासा हुआ है। गाजियाबाद की साइबर थाना पुलिसने इस गैंग के चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक इंश्योरेंस कंपनी का एजेंट भी शामिल है। अधिकारियों के मुताबिक, दो अन्य आरोपीअभी फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। इस मामले की शुरुआत तब हुई जब आईसीआईसीआई लोंबार्ड कंपनी के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट संजयठाकुर ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें दो एजेंटों पर मोटर बीमा पॉलिसी को गलत तरीके से जारी करने का आरोप था।
आरोपियों पर यह आरोप था कि उन्होंने वाहनों की श्रेणी को गलत तरीके से दर्ज किया। उदाहरण के तौर पर, कॉमर्शियल वाहनों, निजी कारों औरमाल वाहक वाहनों को दोपहिया वाहनों के रूप में दिखाया गया, जिससे धोखाधड़ी की गई। इस तरीके से 12.31 लाख रुपये की 858 पॉलिसीरोहित कुमार ने और 18.50 लाख रुपये की 128 पॉलिसी विकास कश्यप ने गलत तरीके से जारी की थी। इस फर्जीवाड़े का खुलासा होते ही चारआरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से विकास कश्यप, आकाश सिसोदिया, याकूब और आरिम शामिल हैं।
एडीसीपी क्राइम पीयूष सिंह के मुताबिक, आरोपियों ने एक तकनीकी खामी का फायदा उठाया। पुराने कॉमर्शियल और मालवाहक वाहनों केमालिकों द्वारा थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लिया जाता है, जो एक्सीडेंट के बाद कोर्ट से क्लेम करने के लिए पर्याप्त होता है। इसी वजह से बीमा पॉलिसी मेंछेड़छाड़ कर कम मूल्य की थर्ड पार्टी पॉलिसी जारी की जाती थी, जिससे इसकी वेरिफिकेशन नहीं हो पाती थी और गाड़ी मालिक को इसका पता नहींचलता था।
अब तक की जांच में यह सामने आया कि इस गैंग ने देशभर में 12,000 से ज्यादा वाहनों की फर्जी इंश्योरेंस पॉलिसी जारी की और लगभग 14 करोड़रुपये का फर्जीवाड़ा किया। इनमें से 61 फर्जी पॉलिसी गाजियाबाद के वाहनों की भी थीं। इसके अलावा, गैंग ने चोला मंडलम इंश्योरेंस कंपनी कीपॉलिसी भी फर्जी तरीके से तैयार की थी। इस मामले में चोला मंडलम के अधिकारियों से संपर्क कर डेटा प्राप्त करने की कोशिश की जा रही है।
एडीसीपी ने बताया कि फिलहाल रोहित कुमार और दो अन्य आरोपी फरार हैं, और उनकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। यह खुलासा न केवल इंश्योरेंससेक्टर में धोखाधड़ी के एक बड़े नेटवर्क को उजागर करता है, बल्कि यह भी बताता है कि इस तरह के फर्जीवाड़े को रोकने के लिए और सख्त उपायोंकी आवश्यकता है।