हाथरस की सांसद-विधायक अदालत (MP-MLA Court) ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ दाखिल किए गए मानहानि परिवादकी सुनवाई के लिए 24 मार्च की तारीख तय की है। यह जानकारी एक अधिवक्ता ने शनिवार को दी। मानहानि का यह मामला हाथरस दुष्कर्म मामलेसे जुड़ा हुआ है, जिसके कारण इस पर राजनीतिक हलकों में भी चर्चा चल रही है।
अधिवक्ता मुन्ना सिंह पुंढीर ने बताया कि सांसद-विधायक अदालत के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (एसीजेएम) दीपक नाथ सरस्वती ने इसमामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 24 मार्च को तय की है। उन्होंने कहा कि शनिवार को मामले की सुनवाई के दौरान रामकुमार उर्फ रामू कीओर से दाखिल किए गए परिवाद पर उसका बयान दर्ज किया गया। यह मामला हाथरस दुष्कर्म मामले से संबंधित है, जिसमें रामकुमार सहित तीनआरोपियों को अदालत ने बरी कर दिया था।
सितंबर 2020 में हाथरस जिले के एक छोटे से गांव में एक दलित युवती के साथ दुष्कर्म की घटना सामने आई थी। पीड़िता को गंभीर अवस्था मेंदिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था।चार आरोपियों में से तीन—रामकुमार, लवकुश, और रवि—को अदालत ने बरी कर दिया था, जबकि संदीप नामक आरोपी को दोषी ठहराया गया थाऔर वह अभी भी जेल में है।
इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश का सियासी माहौल गर्म हो गया था, और विपक्षी दलों ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) पर तीखे हमले किएथे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने घटना के बाद हाथरस का दौरा किया था और पीड़ित परिवार से मुलाकात कीथी। राहुल गांधी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल, जो अब “एक्स” के नाम से जाना जाता है, पर एक पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगायाथा कि हाथरस दुष्कर्म पीड़िता के परिवार को घर में बंद करके रखा गया है और दुष्कर्म के आरोपियों को खुलेआम घुमने दिया जा रहा है। उनका यहबयान बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के संविधान की मूल भावना के खिलाफ था।
राहुल गांधी ने आगे यह भी आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने पीड़ित परिवार को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने का वादा किया था, लेकिन वहवादा पूरा नहीं किया गया। राहुल गांधी ने अपने पोस्ट में यह भी कहा था कि कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के लोग पीड़ित परिवार की मदद करेंगे औरउनके घर का नवीनीकरण करेंगे। इस बयान के बाद रामकुमार, जो दुष्कर्म मामले से बरी हो चुका था, ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामलादर्ज किया।
अधिवक्ता मुन्ना सिंह पुंढीर ने बताया कि राहुल गांधी के खिलाफ दायर मानहानि परिवाद के मामले में अब तक तीन शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं। एकशिकायत रामकुमार उर्फ रामू की तरफ से है, जबकि लवकुश और रवि ने भी इसी तरह की शिकायतें की हैं। राहुल गांधी के बयान के बाद इन तीनोंआरोपियों को आहत महसूस हुआ था और उन्होंने न्यायालय से मदद की गुहार लगाई थी।
अधिवक्ता सिंह ने कहा कि शनिवार को रामकुमार के मामले में सुनवाई हुई थी, जिसमें उसका बयान अदालत में दर्ज किया गया। इस मामले मेंअगली सुनवाई 24 मार्च को होगी। राहुल गांधी ने उन आरोपियों के खिलाफ बयान दिया था, जिनको अदालत ने दुष्कर्म के आरोप से बरी कर दियाथा। राहुल गांधी के ट्वीट में आरोप था कि ये लोग बाहर घूम रहे हैं, जबकि अदालत ने उन्हें निर्दोष करार दिया था।
अधिवक्ता मुन्ना सिंह पुंढीर ने यह भी दावा किया कि न्यायालय का निर्णय आ चुका था और राहुल गांधी को इसके बारे में पूरी जानकारी थी। इसकेबावजूद, राहुल गांधी ने जानबूझकर यह बयान दिया, जिससे इन आरोपियों की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची। राहुल गांधी को इस मामले में नोटिस भी भेजागया था, लेकिन उन्होंने इसका कोई जवाब नहीं दिया।
इस मामले में अब अदालत को यह तय करना होगा कि क्या राहुल गांधी ने जानबूझकर इन आरोपियों की मानहानि की है। अगर अदालत राहुल गांधीको दोषी ठहराती है, तो उन्हें मानहानि के मामले में सजा हो सकती है। इस तरह के मामलों में आरोपियों को क्षति की भरपाई के रूप में आर्थिक दंड भीलगाया जा सकता है।
यह मामला अब राजनीतिक और कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बन गया है। जहां एक ओर यह मामला राहुल गांधी की बयानबाजी और उनके द्वाराकिए गए आरोपों के कारण सुर्खियों में है, वहीं दूसरी ओर यह न्यायपालिका की भूमिका को लेकर भी सवाल उठाता है। इस तरह के मामलों में न्यायका असर केवल आरोपियों के लिए ही नहीं, बल्कि आम जनता के लिए भी महत्वपूर्ण होता है।
राहुल गांधी की राजनीति और उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे हमेशा ही चर्चा का विषय रहे हैं। हालांकि, इस मामले में उनका बयान न केवल हाथरसदुष्कर्म कांड से जुड़ा है, बल्कि वह भारत में दलितों और उनके अधिकारों के बारे में उनके विचारों को भी उजागर करता है। यह देखना दिलचस्प होगाकि अदालत इस मामले में क्या फैसला सुनाती है और क्या यह मामला भविष्य में और भी व्यापक राजनीतिक बहस का कारण बनेगा।