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तमिलनाडु के डिप्टी सीएम उदयनिधि स्टालिन ने हाल ही में सनातन धर्म को लेकर विवादित बयान दिया था, जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा।आज सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें राहत देते हुए कहा कि इस मामले में बिना अनुमति के कोई और केस दर्ज नहीं किया जाएगा। इसके अलावा, गिरफ्तारी सेअंतरिम संरक्षण भी बरकरार रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में नए मामले पर भी नोटिस जारी किया है, जिस पर अप्रैल महीने में सुनवाई होगी। प्रधानन्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ सनातन धर्म पर टिप्पणी करने के संबंध में दर्ज मामलोंमें उनके खिलाफ बलपूर्वक कार्रवाई से संरक्षण देने वाले अंतरिम आदेश की वैधता की अवधि बढ़ा दी।

उदयनिधि ने सनातन धर्म पर की थी विवादित टिप्पणी
सितंबर 2023 में द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) के नेता उदयनिधि स्टालिन ने एक सम्मेलन में सनातन धर्म को सामाजिक न्याय और समानता केखिलाफ बताते हुए इसके ‘‘उन्मूलन’’ की बात कही थी। उन्होंने इसे कोरोना वायरस, मलेरिया और डेंगू जैसी समस्याओं से तुलना करते हुए कहा किसनातन धर्म को नष्ट कर दिया जाना चाहिए। इस बयान के बाद स्टालिन के खिलाफ महाराष्ट्र, बिहार, जम्मू और कर्नाटक सहित देश के विभिन्न हिस्सोंमें कई प्राथमिकियां दर्ज की गईं।

परिसीमन मुद्दे पर जारी घमासाना
वहीं, उदयनिधि स्टालिन केंद्र सरकार पर लगातार परिसीमन प्रक्रिया को लेकर निशाना साध रहे हैं। इस मुद्दे पर हाल ही में डीएमके ने सर्वदलीय बैठकबुलाई थी, जिसमें तमिलनाडु की सभी छोटी-बड़ी पार्टियों को आमंत्रित किया गया था।

भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी पांच मार्च को होने वालीसर्वदलीय बैठक में हिस्सा नहीं लेगी। उन्होंने मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन पर आरोप लगाया कि वह परिसीमन प्रक्रिया को लेकर ‘‘काल्पनिक भय’’ फैलारहे हैं। अन्नामलाई ने स्टालिन को पत्र लिखते हुए कहा कि उनकी पार्टी का मानना है कि स्टालिन ने परिसीमन प्रक्रिया को गलत समझा है और इसबारे में जानबूझकर झूठ बोलने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई है, जबकि अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।


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