सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें दिल्ली सरकार को ‘पीएम-आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चरमिशन’ (PM-ABHIM) को लागू करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ 5 जनवरी तक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करने कानिर्देश दिया गया था।
दिल्ली सरकार की दलील
दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि उच्च न्यायालय दिल्ली सरकार को MoU परहस्ताक्षर करने के लिए मजबूर नहीं कर सकता। उन्होंने यह भी बताया कि अगर MoU साइन किया जाता है, तो केंद्र सरकार को पूंजीगत व्यय में60% योगदान देना होगा, जबकि दिल्ली सरकार 40% का वहन करेगी। लेकिन, केंद्र सरकार का चालू व्यय में कोई योगदान नहीं रहेगा। सिंघवी नेयह भी कहा कि दिल्ली सरकार की अपनी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत से ज्यादा प्रभावी और व्यापक है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का बयान
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आयुष्मान भारत योजना को देश का सबसे बड़ा घोटाला करार दिया।उन्होंने कहा, “मुझे खुशी है कि सुप्रीम कोर्ट ने यह पुष्टि की है कि यह एक फर्जी योजना है। आयुष्मान भारत देश का सबसे बड़ा घोटाला है। जब केंद्रसरकार बदलेगी और इन घोटालों की जांच होगी, तब लोगों को पता चलेगा कि आयुष्मान भारत कितना बड़ा घोटाला था।”
दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश और सुप्रीम कोर्ट की रोक
24 दिसंबर 2024 को दिल्ली हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि दिल्ली के निवासियों को आयुष्मान भारत योजना के लाभों से वंचित नहीं किया जानाचाहिए। इसलिए, दिल्ली सरकार को योजना को लागू करना जरूरी था। इसके बाद दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की, जिस परसुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी। इस फैसले के बाद आयुष्मान भारत योजना का लागू होना फिलहाल टल गया है।
आयुष्मान भारत योजना: एक राष्ट्रीय स्वास्थ्य पहल
आयुष्मान भारत योजना का उद्देश्य भारत के गरीब नागरिकों को हर साल 5 लाख रुपये तक मुफ्त इलाज की सुविधा देना है। यह योजना 2017 मेंकेंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई थी और अब तक 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इसे लागू किया जा चुका है। इस योजना के तहत गरीब परिवारोंको स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया जाता है, जो उन्हें इलाज के लिए वित्तीय सहायता देता है।
दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच मतभेद
दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच इस योजना को लागू करने को लेकर मतभेद रहे हैं। दिल्ली सरकार का कहना है कि उसकी अपनी स्वास्थ्ययोजनाएं जैसे ‘दिल्ली हेल्थ मॉडल’ और ‘मोहल्ला क्लीनिक’ आयुष्मान भारत योजना से कहीं अधिक प्रभावी और व्यापक हैं। दिल्ली सरकार का यहभी कहना है कि आयुष्मान भारत योजना केवल गरीबों के लिए है, जबकि उनकी योजनाओं का लाभ सभी नागरिकों को मिलता है।
कानूनी प्रक्रिया का अगला कदम
दिल्ली सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद, आयुष्मान भारत योजना को फिलहाल दिल्ली में लागू नहीं किया जाएगा। इसमामले में आगे की कानूनी प्रक्रिया जारी रहेगी, और अंतिम निर्णय सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निर्भर करेगा।