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संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण आज से शुरू हो रहा है, और इस चरण में सरकार और विपक्ष के बीच कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीदहै। विशेष रूप से, विपक्ष द्वारा मतदाता सूची में कथित हेराफेरी, मणिपुर में हाल की हिंसा की घटनाओं, और भारत के ट्रंप प्रशासन के साथ रिश्तों परसवाल उठाए जाने की संभावना है। वहीं, सरकार का ध्यान बजट प्रक्रिया को पूरा करने, मणिपुर के लिए बजट को मंजूरी दिलाने, और वक्फ संशोधनविधेयक को पारित करने पर रहेगा। इस चरण के दौरान इन मुद्दों के अलावा कई अन्य भी महत्वपूर्ण होंगे, जो भारतीय राजनीति और सरकार के लिएसंवेदनशील होंगे।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस चरण के दौरान मणिपुर का बजट भी पेश करेंगी। मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद, 13 फरवरी से राज्य मेंराजनीतिक स्थिति जटिल हो गई है। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद, राज्य में अब केंद्र सरकार का सीधा नियंत्रण है, और वित्त मंत्री कामणिपुर के लिए बजट पेश करना महत्वपूर्ण है। मणिपुर के बजट में राज्य की अर्थव्यवस्था, विकास योजनाओं और कानून-व्यवस्था की स्थिति परध्यान केंद्रित किया जाएगा। विपक्ष इस बजट पर भी सरकार से सवाल पूछने की तैयारी में है, और यह मामला संसद में गर्मागर्म बहस का कारण बनसकता है।

वहीं, विपक्षी दलों, खासकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), ने मतदाता सूची में हेराफेरी के मुद्दे पर सरकार को घेरने की योजना बनाई है। टीएमसी नेआरोप लगाया है कि निर्वाचन आयोग ने कुछ राज्य के मतदाताओं के पहचान पत्र क्रमांक को दोहराया है, जिससे पश्चिम बंगाल में अन्य राज्यों केमतदाता मतदान कर सकते हैं। हालांकि, निर्वाचन आयोग ने इन आरोपों को खारिज किया और स्पष्ट किया कि भले ही कुछ मतदाताओं के पहचानपत्र क्रमांक समान हो सकते हैं, लेकिन उनके अन्य विवरण जैसे जनसांख्यिकी जानकारी, विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, और मतदान केंद्र अलग-अलग होतेहैं। निर्वाचन आयोग ने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर सुधारात्मक कदम अगले तीन महीनों में उठाए जाएंगे। इसके बावजूद, तृणमूल कांग्रेस ने अन्यविपक्षी दलों जैसे कांग्रेस, द्रमुक, और शिवसेना (यूबीटी) को इस मुद्दे को संसद में उठाने के लिए एकजुट किया है, और संसद के दोनों सदनों में इस परचर्चा होने की संभावना है।

सरकार के लिए वक्फ संशोधन विधेयक को पारित कराना भी इस सत्र की एक प्रमुख प्राथमिकता है। संसद की संयुक्त समिति ने विपक्ष के भारीविरोध के बावजूद विधेयक पर अपनी रिपोर्ट लोकसभा में प्रस्तुत की है। वक्फ संशोधन विधेयक, जो वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और संचालन सेसंबंधित है, पर विपक्षी दलों ने गंभीर आपत्ति जताई है। उनका आरोप है कि इस विधेयक के जरिए सरकारी हस्तक्षेप को बढ़ाया जा रहा है, जिससेवक्फ बोर्ड की स्वायत्तता पर प्रभाव पड़ेगा। हालांकि, सरकार का कहना है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन और पारदर्शिता के लिएआवश्यक है। सरकार इसे शीघ्र पारित कराना चाहती है, और यह विधेयक इस सत्र में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन सकता है। इसके अलावा, मणिपुर मेंहिंसा की ताजा घटनाओं और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पारस्परिक शुल्क लगाने की धमकी जैसे अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी संसद में चर्चा होसकती है, जो भारतीय राजनीति और विदेश नीति के संदर्भ में महत्वपूर्ण हैं।

संसद का बजट सत्र 10 मार्च से शुरू होकर चार अप्रैल तक चलेगा, और इस दौरान विभिन्न मुद्दों पर गहन चर्चा होने की संभावना है। पहले चरण में, जो 31 जनवरी से 13 फरवरी तक चला था, सरकार और विपक्ष के बीच कई मुद्दों पर तीखी बहस हुई थी। अब, दूसरे चरण में, जो संसद के विधायीकार्यों को पूरा करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, सरकार का मुख्य ध्यान बजटीय प्रक्रिया को पूरा करना और मणिपुर के बजट को मंजूरी दिलवानारहेगा। वहीं विपक्ष विभिन्न मुद्दों पर सरकार से सवाल पूछने की तैयारी कर रहा है। यह सत्र भारतीय राजनीति के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, क्योंकि इसमें न केवल देश की आंतरिक राजनीति और चुनावी मुद्दों पर चर्चा होगी, बल्कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति और विदेश नीति से जुड़े मुद्दों पर भीबात की जाएगी।

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