संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण आज से शुरू हो गया है। इस दौरान विपक्षी दलों ने मतदाता सूची में कथित हेराफेरी और लोकसभा सीटों केपरिसीमन के मुद्दे पर जमकर हंगामा किया। जैसे ही राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी सांसदों ने इन मुद्दों पर तत्काल चर्चा की मांग की, जिसके बाद कार्यस्थगन के तहत चर्चा कराने की उनकी मांग को उपसभापति हरिवंश ने खारिज कर दिया। इसके बाद कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस औरद्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) के सांसदों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए सदन से बहिर्गमन किया।
विपक्ष का वॉकआउट और हंगामा
कार्यवाही की शुरुआत में उपसभापति हरिवंश ने यह जानकारी दी कि उन्हें मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) क्रमांक के दोहराव, परिसीमन, और मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए अमेरिका से धन देने से संबंधित कुछ मुद्दों पर 12 नोटिस प्राप्त हुए थे। हालांकि, उन्होंने इन सभी नोटिस कोअस्वीकार कर दिया। इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने आसन के पास आकर हंगामा किया और इन मुद्दों पर चर्चा की मांग की। द्रविड़ मुनेत्र कषगम केसदस्य लोकसभा सीटों के परिसीमन से दक्षिण भारतीय राज्यों पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर विरोध कर रहे थे। इस बीच, मल्लिकार्जुन खरगे कोअपनी बात रखने की अनुमति दी गई, लेकिन जब उन्होंने बात शुरू की, तो उपसभापति ने कहा कि वे खारिज किए गए नोटिस से संबंधित मुद्दे नहींउठा सकते। इस पर विरोध बढ़ गया और अंत में विपक्षी सांसदों ने सदन से वॉक आउट कर दिया।
विपक्षी दलों के मुद्दे
विपक्षी दलों की ओर से कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए जाने की संभावना है। इनमें मतदाता सूची में कथित हेराफेरी, मणिपुर में हिंसा की ताजा घटनाएं, और भारत के ट्रंप प्रशासन के साथ रिश्तों पर सवाल उठाए जाने की संभावना है। इसके अलावा, सरकार का ध्यान बजट प्रक्रिया को पूरा करने, मणिपुर के बजट को मंजूरी दिलवाने और वक्फ संशोधन विधेयक को पारित कराने पर रहेगा। इन मुद्दों पर गहरी चर्चा होने की संभावना है, और इससत्र में सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस हो सकती है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी मणिपुर का बजट
इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मणिपुर का बजट भी पेश करेंगी। मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद, मणिपुर की राजनीतिक स्थितिजटिल हो गई है। एन. बीरेन सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद से मणिपुर में केंद्रीय सरकार का शासन है। विपक्ष ने कहा कि वह मतदाता फोटोपहचान पत्र (ईपीआईसी) के क्रमांक में गड़बड़ी के मुद्दे पर सरकार को घेरने की योजना बना रहा है। तृणमूल कांग्रेस ने इस मुद्दे को उठाने में अग्रणीभूमिका निभाई है। इसके बाद निर्वाचन आयोग ने कहा था कि वह अगले तीन महीनों में इस मुद्दे को सुधारने के लिए कदम उठाएगा।
टीएमसी का मतदाता सूची में हेराफेरी का आरोप
तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि मतदाता सूचियों में हेराफेरी की जा रही है ताकि अन्य राज्यों के लोग पश्चिम बंगाल में वोट डाल सकें।हालांकि, निर्वाचन आयोग ने इन आरोपों को खारिज किया और कहा कि हालांकि कुछ मतदाताओं के मतदाता पहचान पत्र क्रमांक समान हो सकते हैं, लेकिन उनके अन्य विवरण जैसे जनसांख्यिकी जानकारी, विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र और मतदान केंद्र अलग होते हैं। तृणमूल कांग्रेस के नेता सोमवारको निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मिलकर इस मुद्दे को सुलझाने का प्रयास करेंगे। इसके अलावा, वे इस मुद्दे को संसद के दोनों सदनों में उठानेके लिए अन्य विपक्षी दलों को एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं।
वक्फ संशोधन विधेयक पर सरकार का फोकस
सरकार के लिए वक्फ संशोधन विधेयक को शीघ्र पारित कराना भी एक अहम प्राथमिकता है। संसद की संयुक्त समिति ने विपक्ष के भारी विरोध केबावजूद इस विधेयक पर अपनी रिपोर्ट लोकसभा में प्रस्तुत की थी। इस विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और संचालन में पारदर्शितालाना है, लेकिन विपक्ष का कहना है कि यह विधेयक वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता पर हमला कर सकता है। सरकार इसे शीघ्र पारित कराना चाहती है, और यह विधेयक इस सत्र में एक महत्वपूर्ण विषय बन सकता है।
अंतरराष्ट्रीय और घरेलू मुद्दों पर चर्चा
मणिपुर में हिंसा की ताजा घटनाओं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पारस्परिक शुल्क लगाने की धमकी, और संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमनजैसे मुद्दों पर भी संसद में चर्चा हो सकती है। संसद के बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से 13 फरवरी तक चला था, और दूसरा चरण 10 मार्चसे शुरू होकर 4 अप्रैल तक चलेगा। इस सत्र में सरकार और विपक्ष के बीच कई अहम मुद्दों पर गहन बहस और चर्चा होने की संभावना है।