उत्तर प्रदेश के संभल जिले में कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए 38 पुलिस पोस्ट और चौकियों का निर्माण किया जा रहा है। खास बात यह हैकि पिछले साल 24 नवंबर को हुए हिंसक उपद्रव के दौरान उपद्रवियों द्वारा उपयोग किए गए ईंट-पत्थरों का अब पुलिस चौकियों के निर्माण में पुनःइस्तेमाल किया जा रहा है। यह हिंसा जामा मस्जिद के पास ASI की टीम के सर्वे के दौरान हुई थी, जब सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों पर उपद्रवियोंने पथराव किया था।
संभल हिंसा में उपद्रवियों द्वारा फेंके गए ईंट-पत्थरों का अब इस्तेमाल पुलिस चौकियों की नींव में किया जा रहा है। जिला पुलिस ने कुल 38 पुलिसपोस्ट और चौकियों के निर्माण का कार्य शुरू किया है, जिनमें से कुछ चौकियां दीपा सराय और हिंदू पुराखेड़ा में बनाई जा रही हैं। यह ईंट-पत्थर वहींइस्तेमाल हो रहे हैं, जो पहले हिंसा के दौरान पुलिस पर फेंके गए थे। इस हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हुए थे।
दीपा सराय पुलिस चौकी के भूमि पूजन के दौरान एक छोटी बच्ची, इनाया, को पहली ईंट रखने का सम्मान प्राप्त हुआ। ASP श्रीश चंद्र ने बताया किइस अवसर पर एक महिला और बच्ची को शामिल कर सुरक्षा और विश्वास का संदेश देने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि इनाया को पहली ईंटरखने के लिए चुना गया, ताकि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को लेकर एक मजबूत संदेश दिया जा सके।
इन्हीं पुलिस चौकियों के पास समाजवादी पार्टी के सांसद जिया-उर-रहमान बर्क का घर भी स्थित है, जिनका इस निर्माण से जुड़ा एक अलग महत्व है।चौकी का निर्माण उन स्थानों पर हो रहा है, जो हिंसा के केंद्र रहे थे और यहां पर विभिन्न समुदायों के लोग निवास करते हैं।
छोटी बच्ची इनाया ने इस अवसर पर खुशी जताते हुए कहा कि यह उनके लिए एक यादगार अनुभव है। उन्होंने बताया कि उन्हें इस सम्मान के साथ 50 रुपये की दक्षिणा भी मिली। इस पहल का उद्देश्य स्थानीय समुदाय के बीच सुरक्षा और भरोसे का वातावरण स्थापित करना है।