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भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के नेता और मुजफ्फरनगर से सांसद, डॉ. संजीव बालियान की सुरक्षा हटाए जाने की खबरें सामने आई हैं। यह कदमउस समय उठाया गया है जब उन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। हालांकि इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहींहुई है

संजीव बालियान का राजनीतिक
दृष्टिकोण
हाल ही में, डॉ. बालियान ने मुजफ्फरनगर के मंसूरपुर थाना क्षेत्र के ग्राम खानुपुर में मंदिर और धर्मशाला की भूमि पर अवैध कब्जे के प्रयासों केखिलाफ आवाज उठाई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस भू-माफियाओं के साथ मिलकर धार्मिक स्थलों की भूमि पर कब्जा करने में शामिल है।इस मुद्दे को लेकर उन्होंने थाना प्रभारी से भी तीखी बहस की थी। इसके अलावा, अक्टूबर 2024 में बुढ़ाना कस्बे में मुस्लिम समुदाय द्वारा सड़कों परप्रदर्शन करने के मामले में भी डॉ. बालियान ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए थे और प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की थी।

सुरक्षा पर उठे सवाल
इन घटनाओं के बाद यदि उनकी सुरक्षा में कटौती की गई है, तो यह एक गंभीर विषय बन जाता है। सांसद होने के नाते उनकी सुरक्षा प्रशासन कीजिम्मेदारी बनती है, विशेष रूप से जब वे प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाते हैं। यदि डॉ. बालियान ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपनीसुरक्षा के बारे में पत्र लिखा है, तो यह संकेत देता है कि उन्हें अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता है।

प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के बीच संवाद की आवश्यकता
यह महत्वपूर्ण है कि प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के बीच संवाद बनाए रखा जाए, ताकि किसी भी गलतफहमी या असहमति को बातचीत के माध्यमसे सुलझाया जा सके। सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दे पर सभी पक्षों को मिलकर समाधान निकालने की आवश्यकता है, ताकि जनप्रतिनिधि स्वतंत्र रूपसे और सुरक्षित माहौल में अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें।

संजीव बालियान का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
संजीव बालियान का जन्म 26 नवंबर 1969 को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के एक छोटे से गांव में हुआ था। वे एक पशुपालन विशेषज्ञ हैं औरसमाज सेवा में भी सक्रिय रहे हैं।

राजनीति में प्रवेश
संजीव बालियान ने भारतीय जनता पार्टी से जुड़कर भारतीय राजनीति में कदम रखा। उनका राजनीतिक सफर 2000 के दशक के मध्य में शुरू हुआ, जब उन्होंने भाजपा से अपने करियर की शुरुआत की।

सांसद के रूप में कार्यकाल
संजीव बालियान ने 2014 के लोकसभा चुनाव में मुजफ्फरनगर से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। उन्होंने 2019 मेंभी अपनी सीट बरकरार रखी। वे लोकसभा में कृषि, जलवायु परिवर्तन, और पशुपालन से जुड़े मुद्दों पर सक्रिय रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री का पद
संजीव बालियान को नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री बनने का मौका मिला। वे “पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन” मंत्रालय में राज्य मंत्री के रूप मेंकार्यरत रहे और इस दौरान उन्होंने कृषि व पशुपालन क्षेत्र में कई सुधारात्मक कदम उठाए।

विवाद और बयानबाजी
संजीव बालियान का राजनीतिक सफर विवादों से भी जुड़ा रहा है। 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के समय उनका नाम भी सामने आया था, हालांकिउन्होंने इन आरोपों से खुद को मुक्त किया। इसके अलावा, वे अक्सर अपने कड़े बयानों के लिए चर्चित रहते हैं और पार्टी की नीतियों के पक्ष में कठोररुख अपनाते हैं।

समाजसेवा और विकास कार्य
संजीव बालियान न केवल राजनीति में सक्रिय रहे हैं, बल्कि वे समाजसेवा के भी पक्षधर हैं। मुजफ्फरनगर और आसपास के गांवों में उन्होंने कई विकासयोजनाओं को बढ़ावा दिया है और स्थानीय लोगों के कल्याण के लिए काम किया है।

संजीव बालियान भारतीय राजनीति में एक प्रभावशाली नेता के रूप में उभरे हैं। उनका राजनीतिक सफर विवादों, संघर्षों और सफलता से भरा हुआ है।उनके कार्यों ने उन्हें एक मजबूत राजनीतिक शख्सियत बना दिया है, जो जनहित के मुद्दों को उठाने में लगातार सक्रिय रहते हैं।

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