नई दिल्ली, 9 मार्च: दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने दिल्ली सरकार द्वारा 2025-26 वर्ष के बजट में महिलाओं के सहयोग और समानार्थमहिला समृद्धि योजना के तहत 5100 करोड़ रुपये के प्रविधान की घोषणा पर टिप्पणी की है। उन्होंने आरोप लगाया कि “आम आदमी पार्टी” (आप) के नेताओं, खासकर सुश्री आतिशी मार्लेना, के बयान राजनीतिक हताशा का प्रतीक हैं और वे तर्कहीन बयानबाजी कर रहे हैं।
5100 करोड़ रुपये का प्रविधान और भाजपा की आगामी योजना
वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली सरकार की महिला समृद्धि योजना के लिए 5100 करोड़ रुपये का प्रविधान भाजपा की नीति को स्पष्ट करता है, जिससे समाज के उपेक्षित वर्ग की महिलाओं को जल्द ही सम्मान राशि मिलनी शुरू होगी। उन्होंने यह भी कहा कि यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कीगारंटी को पूरा करने की दिशा में एक अहम कदम है।
सचदेवा ने यह भी बताया कि दिल्ली सरकार की घोषणा के बाद पंजाब की महिलाएं भी अब सवाल उठा रही हैं कि केजरीवाल-भगवंत मान सरकारकब महिला भत्ता देने की घोषणा करेगी। पंजाब से मिल रही मीडिया और सोशल मीडिया जानकारी के अनुसार, पंजाब की महिलाएं अब इस मुद्दे परसवाल उठा रही हैं, और उन्होंने आप सरकार से इस बारे में जवाब मांगा है।
पंजाब की महिलाएं पूछ रही हैं, “कब मिलेगा महिला भत्ता?”
वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि पंजाब की महिलाओं का यह सवाल आम आदमी पार्टी (आप) के दोगले रवैये को उजागर करता है। उन्होंने आरोप लगायाकि आप पार्टी पिछले 37 महीने से पंजाब की महिलाओं को महिला भत्ते के नाम पर गुमराह कर रही है। अब महिलाएं यह पूछ रही हैं कि कब उनकीसरकार महिला भत्ता देने की घोषणा करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि “आप” का दोहरा चरित्र अब देश भर की महिलाएं पहचान चुकी हैं।
“आप” नेताओं पर तंज
वीरेन्द्र सचदेवा ने सुश्री आतिशी मार्लेना की बयानबाजी पर भी तंज कसा और कहा कि दिल्ली वाले यह कह रहे हैं कि स्वर्गीय लता मंगेशकर का गाना”चोरों को सारे नज़र आते हैं चोर” “आप” नेताओं खासकर सुश्री आतिशी मार्लेना पर पूरी तरह चरितार्थ होता है। उन्होंने कहा कि यह शर्मनाक है कि जो”आप” नेता खुद जनता से धोखेबाज़ी करते रहे हैं, वही आज भाजपा के संकल्प पर सवाल उठा रहे हैं।
सचदेवा ने यह भी कहा कि “आप” नेताओं का यह दोगला रवैया अब जनता के बीच पूरी तरह से उजागर हो चुका है और महिलाएं उनके झूठे वादों कोपहचान चुकी हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि “आप” सरकार ने महिला भत्ते के नाम पर केवल प्रचार किया है, जबकि उन्होंने 37 महीने तक महिलाओं केलिए कुछ ठोस कदम नहीं उठाए।\