नई दिल्ली: लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने केंद्रीय बजट 2025 पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे आम जनता, किसानों और छोटेव्यापारियों के लिए निराशाजनक बताया। उन्होंने कहा कि देश एक कृषि प्रधान राष्ट्र है, लेकिन बजट में किसानों की समस्याओं के समाधान के लिएकोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
किसानों की अनदेखी, एमएसपी पर नहीं हुआ कोई फैसला
सुनील सिंह ने कहा कि पिछले चार वर्षों से किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं, लेकिन इस बजट में इसेशामिल नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की परेशानियों को गंभीरता से नहीं ले रही है और उनके लिए किसी भी ठोस योजना कीघोषणा नहीं की गई है।
बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी पर कोई समाधान नहीं
लोकदल प्रमुख ने बजट को महंगाई और बेरोजगारी से जूझ रहे आम लोगों के लिए निराशाजनक बताया। उन्होंने कहा कि सरकार बुनियादी सुविधाओंकी कीमतों को नियंत्रित करने में विफल रही है, जिससे आज भी 80 करोड़ लोग मुफ्त राशन पर निर्भर हैं। सिंह ने सवाल उठाया कि दैनिक उपयोग कीवस्तुओं पर लगने वाले करों और जीएसटी में कोई राहत क्यों नहीं दी गई।
बजट में सिर्फ चुनावी राज्यों को प्राथमिकता
सुनील सिंह ने आरोप लगाया कि यह बजट केवल उन राज्यों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है, जहां चुनाव होने वाले हैं। उन्होंने कहा कि पिछलेदस वर्षों से बजट केवल घोषणाओं तक सीमित रहा है, लेकिन जमीनी स्तर पर आम जनता को कोई लाभ नहीं मिला है।
युवा, महिलाएं और व्यापारी भी निराश
उन्होंने कहा कि बजट में रोजगार बढ़ाने को लेकर कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई है, जिससे देश के युवाओं में असंतोष बढ़ रहा है। इसके अलावा, महिलाओं और छोटे व्यापारियों को भी किसी प्रकार की राहत नहीं दी गई है।
बजट में सिर्फ अंधेरा दिख रहा है
सुनील सिंह ने कहा कि महंगाई चरम पर है, लेकिन सरकार इस पर कोई चर्चा नहीं कर रही। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार आम जनता की भावनाओंके साथ खेल रही है और इस बजट से गरीबों, किसानों, युवाओं और व्यापारियों को कोई राहत नहीं मिलने वाली। लोकदल ने इस बजट को पूरी तरहसे निराशाजनक करार दिया।