सोमवार को प्रयागराज में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने संगम में पवित्र स्नान कर सनातन आस्था को नई ऊंचाई दी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगीआदित्यनाथ ने एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया। इसके बाद राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री संगम पहुंचे, जहां उन्होंने संगम स्नान किया और धार्मिकपरंपराओं का पालन किया। राष्ट्रपति करीब आठ घंटे तक संगम नगरी में रहीं।
संगम स्नान और अक्षयवट के दर्शन
राष्ट्रपति ने गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान कर धार्मिक आस्था को मजबूत आधार दिया। इसके बाद उन्होंने अक्षयवट का दर्शन औरपूजन किया। सनातन संस्कृति में अक्षयवट को अमरता का प्रतीक माना गया है। राष्ट्रपति ने बड़े हनुमान मंदिर में भी दर्शन किए और देशवासियों कीसुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना की।
डिजिटल महाकुंभ का अवलोकन
राष्ट्रपति ने महाकुंभ को आधुनिक तकनीक से जोड़ने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल का समर्थन किया। उन्होंनेडिजिटल महाकुंभ अनुभव केंद्र का दौरा किया, जहां श्रद्धालुओं को महाकुंभ मेले की विस्तृत जानकारी तकनीकी माध्यमों से उपलब्ध कराई जा रही है।
सुरक्षा और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
राष्ट्रपति के दौरे को लेकर प्रयागराज में सुरक्षा व्यवस्था को बेहद चाक-चौबंद किया गया। यह यात्रा ऐतिहासिक है, क्योंकि इससे पहले भारत के प्रथमराष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भी महाकुंभ में संगम स्नान किया था।
श्रद्धालुओं का संगम में भारी उत्साह
13 जनवरी से अब तक 43.57 करोड़ श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं। सोमवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी परिवार के साथसंगम में डुबकी लगाई।
प्रेरणादायक क्षण
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का यह दौरा न केवल प्रयागराज के लिए, बल्कि पूरे देश के श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणादायक है। उनकी उपस्थिति ने महाकुंभ केधार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व को नई ऊंचाई प्रदान की।