2025 के बजट सत्र की शुरुआत में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सरकार की योजनाओं और विकासात्मक पहलों पर प्रकाश डाला। उन्होंने विशेष रूप सेकृषि क्षेत्र में सुधार और किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में सरकार के प्रयासों का उल्लेख किया।
कृषि क्षेत्र में आधुनिकीकरण और आत्मनिर्भरता की दिशा
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार कृषि क्षेत्र को आधुनिक बनाने और उसे आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। उन्होंनेयह भी जोर दिया कि किसानों की आय में वृद्धि के लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
विपक्ष की आलोचनाएँ
राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद कांग्रेस नेताओं ने प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने टिप्पणी करते हुए कहा कि राष्ट्रपति अंत में”बहुत थकी हुई” नजर आ रही थीं। उन्होंने कहा, “वह बहुत थकी हुई लग रही थीं, अंत में मुश्किल से बोल पा रही थीं। बेचारी महिला।” वहीं, कांग्रेससांसद राहुल गांधी ने भाषण को “बोरिंग” और उबाऊ करार दिया। उनका कहना था कि राष्ट्रपति का भाषण अत्यधिक नीरस था और इसमें कोई नईबात नहीं थी।
सत्ता पक्ष का विपक्ष पर पलटवार
कांग्रेस नेताओं के बयान के बाद राजनीतिक हलकों में इस मुद्दे पर चर्चा तेज हो गई। सत्ता पक्ष के नेताओं का मानना है कि विपक्ष द्वारा की गईआलोचनाओं को लेकर अब कांग्रेस को घेरने का अवसर मिल सकता है।
जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर पर राष्ट्रपति का बयान
राष्ट्रपति मुर्मू ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद वहां के शांति और विकास की दिशा में किए गए प्रयासों का जिक्र किया। उन्होंनेकहा कि इस बदलाव के बाद जम्मू-कश्मीर में एक नया विकास वातावरण बना है और वहां लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण माहौल मेंसंपन्न हुए।
इसके अतिरिक्त, राष्ट्रपति ने पूर्वोत्तर भारत के विकास पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार ने पूर्वोत्तर के लोगों के दिल से दूरियों का भाव समाप्तकिया है और इस दिशा में 10 से अधिक शांति समझौते किए हैं। इससे कई गुटों को शांति के मार्ग पर लाने में मदद मिली है।
अष्टलक्ष्मी महोत्सव का आयोजन
राष्ट्रपति मुर्मू ने यह भी बताया कि सरकार ने पूरे देश को पूर्वोत्तर के आठ राज्यों की संभावनाओं से परिचित कराने के लिए अष्टलक्ष्मी महोत्सव काआयोजन किया। उन्होंने कहा कि यह कदम पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रहा है।
विकास का आह्वान
अंत में, राष्ट्रपति ने कहा कि एक विकसित भारत की कसौटी उसका संतुलित विकास है। कोई भी क्षेत्र विकास से पीछे नहीं रहना चाहिए, और सरकारका प्रयास यही है कि हर क्षेत्र को समान रूप से विकास का लाभ मिले।