प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार, 6 फरवरी को राज्यसभा में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे प्रेरणादायक औरविकसित भारत के संकल्प से भरपूर बताया। पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति का अभिभाषण देश के लिए नई उम्मीदें जगाता है।
कांग्रेस से सबका साथ, सबका विकास संभव नहीं: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कांग्रेस पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस से सबका साथ, सबका विकास की अपेक्षा करना एक बड़ी भूलहोगी। कांग्रेस न तो इसे समझ सकती है और न ही अपने रोडमैप में शामिल कर सकती है। यह पार्टी केवल एक परिवार के हित में सीमित हो गई हैऔर उसी को समर्पित है।”
कांग्रेस के मॉडल पर सवाल
पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस का राजनीतिक मॉडल झूठ, भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण का घालमेल है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस कीप्राथमिकता “फैमिली फर्स्ट” है और उनकी नीति व कार्यशैली इसी पर केंद्रित रही है।
इमरजेंसी का दौर और साहित्य का संदर्भ
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने इमरजेंसी के दौर का जिक्र करते हुए कवि नीरज की पंक्तियां याद की:
“है बहुत अंधयारा, अब सूरज निकलना चाहिए,
जिस तरह से भी हो, ये मौसम बदलना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि यह कविता कांग्रेस के उस कालखंड की सच्चाई को बयां करती है, जब लोकतंत्र का गला घोंटा गया और संविधान को कुचला गया।
इमरजेंसी के दौरान दमन की कहानियां
प्रधानमंत्री ने इमरजेंसी के दौरान सिनेमा और संगीत से जुड़े कलाकारों पर हुए अत्याचारों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि देव आनंद से इमरजेंसीका समर्थन करने के लिए कहा गया था, लेकिन इनकार करने पर उनकी फिल्मों को दूरदर्शन पर प्रतिबंधित कर दिया गया। इसी तरह, गायक किशोरकुमार के गाने आकाशवाणी पर प्रतिबंधित कर दिए गए, क्योंकि उन्होंने कांग्रेस के लिए गाना गाने से मना कर दिया था।
महान नेताओं पर अत्याचार
पीएम मोदी ने इमरजेंसी के दौरान जॉर्ज फर्नांडिस समेत कई गणमान्य नेताओं को हथकड़ियों और जंजीरों से बांधने का जिक्र किया। उन्होंने कहा कियह दौर लोकतंत्र पर हमला था और देश इस अंधकारमय समय को कभी नहीं भूल सकता।