यूपी STF के एनकाउंटर में लॉरेंस बिश्नोई गैंग का एक बदमाश मारा गया है, जिसके ऊपर एक लाख रुपये का इनाम रखा गया था। यह घटना मेरठजिले के मुंडाली इलाके में हुई, जहां पुलिस ने बदमाशों के साथ मुठभेड़ की। मुठभेड़ के दौरान घायल हुए बदमाश को अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन वहां उसने दम तोड़ दिया। मारे गए बदमाश की पहचान जीतू उर्फ जितेन्द्र के रूप में हुई है, जो हरियाणा के झज्झर जिले के आसौंदा सिवानका निवासी था।
जानकारी के अनुसार, जीतू पर गाजियाबाद के थाना टीला मोड़ में 2023 में हुई एक हत्या के मामले में वांछित होने के कारण एक लाख रुपये काइनाम घोषित किया गया था। जीतू का आपराधिक इतिहास काफी लंबा है। उसने 2016 में झज्झर में एक डबल मर्डर किया था, जिसके लिए उसेआजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। वह 2023 से फरार चल रहा था और जेल में रहते हुए लॉरेंस बिश्नोई गैंग के संपर्क में आया।
पैरोल पर आने के बाद जीतू फरार हो गया और गैंग के सदस्यों के साथ मिलकर हत्या की सुपारी लेने लगा। उसके खिलाफ कई आपराधिक मामलेदर्ज हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं: केस नम्बर 333/16, जिसमें उसे 29 अगस्त 2018 को पांच साल की सजा सुनाई गई थी; केस नम्बर 609/16, जिसमें उसे 398/401 IPC और 25 Arms Act के तहत आरोपित किया गया था; और केस नम्बर 376/16, जिसमें उसे 3 फरवरी 2018 कोआजीवन सजा सुनाई गई थी।
दूसरी ओर, नोएडा में एक बैंक कर्मचारी की हत्या के आरोपी को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यह घटना 21 फरवरी को इकोटेक-3 क्षेत्र के डीपार्क के पास हुई थी, जहां बैंक कर्मचारी मंजीत मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पहले ही मिश्रा के साले समेत दो लोगोंको गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने बताया कि इस हत्या को 15 लाख रुपये की सुपारी देकर अंजाम दिया गया था।
पुलिस उपायुक्त (जोन द्वितीय) शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि मंजीत मिश्रा ने प्रेम विवाह किया था और उसके अपनी पत्नी से विवाद चल रहाथा। इसी विवाद के चलते उसकी हत्या की गई। पुलिस ने इस मामले में फरार आरोपी प्रिंस उर्फ बंटी को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। इनदोनों घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि यूपी में अपराधियों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई तेज हो गई है, और यह संदेश जाता है कि पुलिसअपराधियों को किसी भी कीमत पर नहीं बख्शेगी।