बिहार राज्य के दूसरे उपमुख्यमंत्री और दो बार मुख्यमंत्री रहे स्वतंत्रता सेनानी कर्पूरी ठाकुर जी की जयंती आज उत्तर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय परश्रद्धापूर्वक मनाई गई। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निवर्तमान प्रदेश उपाध्यक्ष श्री दिनेश सिंह ने कर्पूरी ठाकुर जी की तस्वीर पर पुष्पअर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
कर्पूरी ठाकुर का जीवन और संघर्ष
श्री दिनेश सिंह ने कर्पूरी ठाकुर जी के जीवन की प्रमुख घटनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कर्पूरी ठाकुर जी का जन्म समस्तीपुर जिले केपितौंझिया गांव (अब कर्पूरी ग्राम) में हुआ था। कर्पूरी जी ने 1940 में पटना विश्वविद्यालय से मैट्रिक की परीक्षा पास की। इसके बाद 1942 मेंभारतीय स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े और 26 महीने तक भागलपुर के कैंप जेल में बंद रहे। 1945 में रिहा होने के बाद उन्होंने 1948 में आचार्य नरेंद्रदेव और जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में समाजवादी आंदोलन में भाग लिया और प्रादेशिक मंत्री बने।
दलित वर्ग के लिए जीवन समर्पित किया
श्री सिंह ने कर्पूरी ठाकुर जी की कड़ी मेहनत और संघर्ष का उल्लेख करते हुए कहा कि वे हमेशा दलित, शोषित और वंचित वर्ग के उत्थान के लिएकार्य करते रहे। उनके सरल स्वभाव, स्पष्ट विचार और दृढ़ इच्छाशक्ति ने लोगों को उनकी ओर आकर्षित किया। उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद बिहारमें हुए विकास को हमेशा याद किया जाएगा।
कर्पूरी ठाकुर को श्रद्धांजलि
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की प्रवक्ता डॉ. सुधा मिश्रा, प्रो. आर.बी. बौद्ध, चेतराम भारती, हर्ष, तुषार, सुबोध सहाय, ओ.पी. शर्मा, देवेन्द्र सिंह चौहान सहित अन्य नेताओं ने भी कर्पूरी ठाकुर जी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।