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जीएसटी विभाग की विशेष जांच शाखा (एसआईबी) द्वारा मिगसन ग्रुप पर छापेमारी के बाद रियल एस्टेट सेक्टर में हलचल मच गई है। बताया जारहा है कि एसआईबी के रडार पर करीब 15 बड़े बिल्डर हैं। इन बिल्डरों के खिलाफ ग्राहकों ने रेरा और शासन तक शिकायतें दर्ज कराई हैं। सूत्रों केअनुसार, मिगसन ग्रुप पर छापेमारी एक शुरुआत भर है और आने वाले समय में अन्य बिल्डरों के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है।


छापेमारी में लैपटॉप और दस्तावेज जब्त
एसआईबी की टीम ने मिगसन ग्रुप की 15 फर्मों की 41 शाखाओं पर छापेमारी की। इस दौरान टीम ने लैपटॉप, हार्डडिस्क और महत्वपूर्ण दस्तावेजकब्जे में लिए। छापेमारी के पीछे फ्लैट बुकिंग के बाद बायर्स से हिडन चार्ज वसूलने की शिकायत प्रमुख कारण थी।

10 करोड़ से अधिक जीएसटी चोरी का मामला उजागर
सूत्रों की मानें तो मिगसन ग्रुप पर की गई 12 घंटे की छानबीन के दौरान 10 करोड़ रुपए से अधिक की जीएसटी चोरी का खुलासा हुआ। जांच के बादमिगसन ग्रुप को अपनी विभिन्न शाखाओं में 10 करोड़ रुपए जमा कराने पड़े। टीम ने जब्त किए गए दस्तावेजों की समीक्षा के आधार पर ऑडिट औरसमन जारी करने की योजना बनाई है।

अन्य बिल्डरों पर भी नजर
एसआईबी ने जिले में अन्य रियल एस्टेट फर्मों के इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के दावों की भी जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों को शक है कि बड़ेपैमाने पर धोखाधड़ी हुई है। इस जांच के बाद अन्य बिल्डरों पर भी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।

मिगसन कियाना प्रोजेक्ट पर 50 करोड़ का बकाया
गाजियाबाद के वसुंधरा सेक्टर-14 में चल रहे मिगसन कियाना प्रोजेक्ट पर आवास विकास का 50 करोड़ रुपए से अधिक का बकाया है। आवासविकास ने प्रोजेक्ट के बाहर नोटिस चस्पा कर चेतावनी दी है कि बिल्डर ने अभी तक कंप्लीशन सर्टिफिकेट प्राप्त नहीं किया है। जब तक बिल्डरबकाया राशि जमा नहीं करता और सर्टिफिकेट नहीं लेता, तब तक फ्लैट की रजिस्ट्री नहीं की जा सकती।

350 फ्लैट अवैध, कार्रवाई की तैयारी
मिगसन कियाना में 350 से अधिक फ्लैट और निचले फ्लोर पर दुकानें हैं। कई फ्लैट मालिक बिना रजिस्ट्री के ही रहने लगे हैं। आवास विकास नेफ्लैट आवंटियों को चेतावनी दी है कि बिना कंप्लीशन सर्टिफिकेट फ्लैट का आवंटन अवैध है। दूसरे चरण की कार्रवाई में अवैध रूप से बनीकमर्शियल संपत्तियों को सील करने की योजना है।

रेरा के आदेशों का पालन नहीं कर रहे बिल्डर
रेरा द्वारा गठित नियमों और आदेशों को कई बिल्डर नजरअंदाज कर रहे हैं। मिगसन ग्रुप के कई प्रोजेक्ट्स में खरीदारों को लंबे इंतजार के बावजूद फ्लैटनहीं मिले हैं। वर्ष 2016 में बुक किए गए फ्लैट 9 साल बाद भी ग्राहकों को नहीं दिए गए।

आठ बिल्डरों पर लटकी कार्रवाई की तलवार
राज्य कर विभाग के अपर आयुक्त (ग्रेड-1) भूपेंद्र शुक्ला ने बताया कि खरीदारों की शिकायतों के आधार पर आठ बिल्डरों के खिलाफ जांच जारी है।इन बिल्डरों पर जीएसटी फाइलिंग में गड़बड़ी और अधिक आईटीसी लाभ लेने का आरोप है। उनके गाजियाबाद और आसपास के इलाकों में कईप्रोजेक्ट चल रहे हैं, जिनमें धोखाधड़ी की आशंका है।


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