नई दिल्ली: महात्मा गांधी की 77वीं पुण्यतिथि के अवसर पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने एक तीखा बयान दिया है। उन्होंने कहा किनाथूराम गोडसे ने भले ही गांधीजी पर गोलियां चलाईं, लेकिन इसके पीछे एक विषैली विचारधारा और कुछ ऐसे लोग थे, जिन्होंने माहौल कोजहरीला बनाया, जिससे बापू की हत्या हुई।
सत्ताधारी दल पर कसा तंज
जयराम रमेश ने सीधे तौर पर सत्तारूढ़ दल का नाम लिए बिना उन पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कुछ लोग जब गांधीजी और गोडसे के बीचचुनाव करने की बात आती है, तो स्पष्ट जवाब देने से बचते हैं। उनका इशारा उन नेताओं की ओर था जो इस मुद्दे पर खुलकर बोलने से कतराते हैं।उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आज सत्ता में बैठे कई प्रभावशाली लोग महात्मा गांधी का उसी तरह मजाक उड़ाते हैं, जैसा उन्होंने डॉ. बी.आर. अंबेडकर का उड़ाया था।
गांधी के बलिदान को नहीं स्वीकारते कुछ संगठन
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि आज सत्ता में मौजूद कुछ संगठन गांधीजी के बलिदान को नहीं स्वीकारते और दावा करते हैं कि भारत को स्वतंत्रता 22 जनवरी 2024 को मिली। जयराम रमेश का यह बयान एक ऐसे विवाद को उजागर करता है, जिसमें गांधीजी के योगदान को कम करने की कोशिशेंकी जा रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि गांधीजी के प्रतीकों चश्मा और लाठी का इस्तेमाल सिर्फ प्रचार के लिए किया जा रहा है, जबकि गांधीवादीसंस्थानों को खत्म किया जा रहा है।
गांधी की विरासत बचाना जरूरी
जयराम रमेश ने जोर देकर कहा कि महात्मा गांधी की विरासत की रक्षा, संरक्षण और प्रचार-प्रसार बेहद जरूरी है, क्योंकि भारत की मूल अवधारणा(आइडिया ऑफ इंडिया) का अस्तित्व इसी पर टिका है। उनका यह बयान महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर दिया गया है, जब पूरा देश उन्हें श्रद्धांजलिअर्पित कर रहा है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब राजनीतिक दल गांधीजी के विचारों को अपने-अपने तरीके से प्रस्तुत कर रहे हैं।