सुप्रीम कोर्ट ने महाकुंभ में भगदड़ की घटनाओं को रोकने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष दिशा-निर्देश लागू करने की मांग वाली जनहितयाचिका को खारिज कर दिया। यह याचिका अधिवक्ता विशाल तिवारी ने दायर की थी।
SC ने दिए आदेश
न्यायालय की वाद सूची के अनुसार, 3 फरवरी को चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने इस याचिका पर सुनवाई की।उत्तर प्रदेश सरकार ने दलील दी कि इसी विषय पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में पहले से ही एक याचिका लंबित है। सुप्रीम कोर्ट ने इस तर्क को स्वीकारकरते हुए याचिकाकर्ता को हाई कोर्ट जाने की सलाह दी और याचिका को खारिज कर दिया।
हादसे में कितने लोगों की गई जान?
29 जनवरी 2025 को प्रयागराज महाकुंभ के दौरान संगम क्षेत्र में भगदड़ मचने से 30 लोगों की मौत हो गई और 60 अन्य घायल हो गए थे। इसघटना के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी, जिसमें अनुच्छेद 21 के तहत नागरिकों के जीवन और समानता के अधिकार की सुरक्षा कीमांग की गई थी।
केंद्र और राज्यों को पक्षकार बनाया
याचिका में केंद्र और राज्य सरकारों को सामूहिक रूप से काम करने के निर्देश देने की मांग की गई थी, ताकि भविष्य में महाकुंभ जैसे बड़े आयोजनों मेंश्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
सरकार से रिपोर्ट पेश करने की मांग
याचिकाकर्ता ने संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत याचिका दायर करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार से भगदड़ की घटना पर स्थिति रिपोर्ट पेश करने औरलापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया था।