"National   Voice  -   खबर देश की, सवाल आपका"   -    *Breaking News*   |     "National   Voice  -   खबर देश की, सवाल आपका"   -    *Breaking News*   |     "National   Voice  -   खबर देश की, सवाल आपका"   -    *Breaking News*   |    

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्रीय बजट 2025-26 की कड़ी आलोचना करते हुए इसे जनता को गुमराह करने वाला बताया।उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह बजट देश की असली समस्याओं जैसे महँगाई और बेरोज़गारी का समाधान करने में असफल रहा है।उन्होंने इसे “नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली” कहावत से जोड़ा, यह दर्शाने के लिए कि सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने में लगी हुई है।

मध्यम वर्ग को राहत कमकर वसूली ज्यादा
खड़गे ने कहा कि बीते दस वर्षों में सरकार ने मध्यम वर्ग से 54.18 लाख करोड़ रुपये का इनकम टैक्स वसूला है। उन्होंने सरकार द्वारा घोषित 12 लाख रुपये तक की कर छूट को अपर्याप्त बताया और कहा कि इस योजना के तहत साल भर में केवल 80,000 रुपये की बचत होगी, जो प्रतिमाहमात्र 6,666 रुपये बनती है।

युवाओं और महिलाओं के लिए कोई ठोस योजना नहीं
खड़गे ने बजट में युवाओं और महिलाओं के लिए किसी ठोस योजना के अभाव की आलोचना की। उन्होंने कहा कि रोजगार बढ़ाने के लिए कोई नयाकदम नहीं उठाया गया है। प्रधानमंत्री ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए बड़े फैसले लेने की बात कही थी, लेकिन बजट में इस दिशा में कोई ठोसनीति नजर नहीं आई।

किसानों और वंचित वर्गों की उपेक्षा
उन्होंने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कोई स्पष्ट योजना नहीं बनाई गई है और खेती से जुड़े सामान पर जीएसटी में कोई राहत नहीं दीगई। दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग और अल्पसंख्यकों के बच्चों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और छात्रवृत्ति से जुड़ी किसी नई योजना का ऐलान नहींकिया गया।

निवेश और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कोई ठोस नीति नहीं
खड़गे ने कहा कि बजट में निजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। उन्होंने निर्यात और शुल्क से जुड़ी घोषणाओं कोसतही बताया और कहा कि यह केवल सरकार की विफलताओं को छिपाने का प्रयास है।

महँगाई और ग्रामीण रोजगार की अनदेखी
उन्होंने महँगाई की समस्या पर सरकार की उदासीनता को लेकर नाराजगी जताई। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) काबजट जस का तस रखा गया, जिससे श्रमिकों की आय में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी। इसके अलावा, जीएसटी की विभिन्न दरों में सुधार पर भी कोईध्यान नहीं दिया गया।

योजनाओं की केवल घोषणाएँअमल में कमी
उन्होंने कहा कि सरकार ने “मेक इन इंडिया” को “नेशनल मैन्युफैक्चरिंग मिशन” के रूप में पेश किया है, लेकिन यह केवल नाम बदलने जैसा है।स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया और स्किल इंडिया जैसी योजनाएँ अब तक सिर्फ घोषणाएँ बनकर रह गई हैं और जमीनी स्तर पर इनका कोई असरनहीं दिखता।

अंत में, खड़गे ने इस बजट को सरकार द्वारा जनता की आँखों में धूल झोंकने का प्रयास करार दिया और कहा कि यह बजट देश की वास्तविक आर्थिकऔर सामाजिक समस्याओं का समाधान करने में पूरी तरह विफल रहा है। ‎


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *