मणिपुर में मई 2023 से जारी जातीय हिंसा के बीच मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राज्यपाल को अपनाइस्तीफा सौंप दिया। इस्तीफे से पहले उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।
मुख्यमंत्री ने जनता से मांगी माफी
पिछले साल के अंत में राज्य में हो रही हिंसा के लिए बीरेन सिंह ने जनता से माफी मांगी थी। उन्होंने कहा था कि यह वर्ष मणिपुर के लिए बेहद कठिनरहा है। उन्होंने तीन मई 2023 से अब तक हुई घटनाओं पर दुख व्यक्त करते हुए कहा था कि हिंसा के कारण कई लोगों ने अपनों को खोया और घरछोड़ने पर मजबूर हुए। उन्होंने उम्मीद जताई थी कि 2025 तक राज्य में सामान्य स्थिति बहाल हो सकेगी।
जातीय हिंसा के दबाव में थे बीरेन सिंह
राज्य में मई 2023 से शुरू हुई जातीय हिंसा के कारण बीरेन सिंह पर लगातार दबाव बना हुआ था। इस हिंसा में अब तक 200 से अधिक लोगों कीमौत हो चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं। नवंबर 2023 में जिरीबाम में तीन महिलाओं और उनके बच्चों की हत्या ने हिंसा को और बढ़ादिया। एनडीए की सहयोगी पार्टी एनपीपी ने भी मणिपुर सरकार से समर्थन वापस लेते हुए नेतृत्व परिवर्तन की मांग की थी।
जातीय हिंसा की शुरुआत कैसे हुई?
मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसा की शुरुआत तीन मई 2023 को हुई, जब मणिपुर उच्च न्यायालय ने मैतेई समुदाय को अनुसूचितजनजाति (एसटी) सूची में शामिल करने पर विचार करने का आदेश दिया। इस फैसले का विरोध करते हुए आदिवासी छात्रों के संघ (ATSUM) नेएक रैली आयोजित की, जिससे हिंसा भड़क उठी। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार को अर्धसैनिक बलों की तैनाती करनी पड़ी।