33 वर्षीय युवक की संदिग्ध मौत
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में 33 वर्षीय नागेश वीरन्ना की मौत ने हड़कंप मचा दिया है। वह अपने भाई के घर पर मृत पाया गया। इस मामले मेंनागेश के भाई ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें एक आरएंडडी कंपनी के क्लीनिकल ट्रायल को जिम्मेदार ठहराया गया है।
क्लीनिकल ट्रायल पर गंभीर आरोप
नागेश के भाई रेवन्ना सिद्दप्पा ने आरोप लगाया है कि नागेश ने एक आरएंडडी कंपनी के क्लीनिकल ट्रायल में हिस्सा लिया था। इस दौरान दी गईदवाओं और इंजेक्शनों के दुष्प्रभावों की वजह से उसकी तबीयत बिगड़ी और आखिरकार उसकी मौत हो गई।
पुलिस ने दर्ज की शिकायत
जलाहल्ली पुलिस ने इस मामले को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 174 (3) के तहत अप्राकृतिक मौत के रूप में दर्ज किया है। एक पुलिसअधिकारी ने कहा कि इस मामले की गहराई से जांच की जा रही है।
नागेश था पूरी तरह स्वस्थ
भाई सिद्दप्पा का कहना है कि नागेश पूरी तरह स्वस्थ था और उसे किसी तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्या नहीं थी। उसकी स्थिति तभी खराब हुई, जबउसने क्लीनिकल ट्रायल में भाग लिया।
दिसंबर में अस्पताल में भर्ती हुआ था नागेश
शिकायत के अनुसार, नागेश को पिछले साल दिसंबर में स्वास्थ्य समस्याओं के चलते एक निजी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। उसीसमय आरएंडडी कंपनी ने उससे संपर्क कर परीक्षण के तहत दवाएं और इंजेक्शन लेने का प्रस्ताव दिया था।
मौत से एक रात पहले खाया था खाना
शिकायत में बताया गया कि 21 जनवरी की रात नागेश और उसके भाई ने साथ में खाना खाया। इसके बाद दोनों सोने चले गए। अगले दिन सुबहजब सिद्दप्पा ने नागेश को जगाने की कोशिश की, तो वह नहीं उठा।
डॉक्टर ने मृत घोषित किया
नागेश को जगाने में असफल होने पर सिद्दप्पा ने तुरंत आरएंडडी कंपनी के डॉक्टर से संपर्क किया। डॉक्टर ने नागेश को उसी अस्पताल में ले जाने कीसलाह दी, जहां वह पहले भर्ती था। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने नागेश को मृत घोषित कर दिया।
मामले की जांच जारी
नागेश की मौत से जुड़े तथ्यों की जांच बेंगलुरु पुलिस कर रही है। पुलिस आरएंडडी कंपनी के क्लीनिकल ट्रायल और दवाओं के दुष्प्रभावों की गहनपड़ताल कर रही है। नागेश के भाई द्वारा लगाए गए आरोपों को ध्यान में रखते हुए मामले की हर पहलू से जांच की जा रही है।