लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को एक बार फिर बिहार में जाति आधारित जनगणना की वकालत की।उन्होंने कहा कि देश में वंचित, पिछड़े और आदिवासी वर्गों की सही स्थिति का पता लगाने और उनके विकास के लिए यह जनगणना अनिवार्य है।
बिहार जैसी नहीं, कर्नाटक जैसी जनगणना का समर्थन
राहुल गांधी ने कहा कि जाति आधारित गणना केवल बिहार जैसी नहीं, बल्कि कर्नाटक जैसी विस्तृत होनी चाहिए। उन्होंने यह बात पटना के श्रीकृष्णमेमोरियल हॉल में स्वतंत्रता सेनानी जगलाल चौधरी की जयंती समारोह के दौरान कही।
सत्ता और संस्थानों में वंचितों की भागीदारी पर सवाल
राहुल गांधी ने कहा कि भारत के सत्ता तंत्र, न्यायपालिका, शिक्षा, स्वास्थ्य और कॉरपोरेट सेक्टर में वंचित समुदाय की भागीदारी बेहद कम है। उन्होंनेआरोप लगाया कि देश की शीर्ष 200 कंपनियों में एक भी ओबीसी या वंचित वर्ग का मालिक नहीं है। उन्होंने इसे “सत्ता के वास्तविक संस्थानों मेंवंचितों के प्रतिनिधित्व की कमी” करार दिया।
25 अमीरों के 16 लाख करोड़ रुपये माफ: राहुल गांधी
भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार ने 25 अमीरों के 16 लाख करोड़ रुपये माफ कर दिए, लेकिन इस सूची मेंएक भी वंचित वर्ग का व्यक्ति नहीं है। उन्होंने कहा, “जीएसटी आप भरते हैं, अडानी भी भरते हैं, लेकिन लाभ का बंटवारा केवल गिने-चुने लोगों तकसीमित है।”
शिक्षा व्यवस्था पर भी हमला
राहुल गांधी ने कहा कि भारत की शिक्षा व्यवस्था वंचितों के दर्द को समझने में असफल है। उन्होंने कहा, “किताबों में मैंने वंचितों को केवल ‘अछूत’ और ‘वंचित’ शब्दों में पढ़ा है। क्या उनके इतिहास और संघर्ष को केवल दो लाइनों में समझा जा सकता है?”
संविधान को कमजोर करने का आरोप
राहुल गांधी ने भाजपा और आरएसएस पर हमला करते हुए कहा कि ये संस्थाएं संविधान को कमजोर करना चाहती हैं। उन्होंने कहा, “संविधान ने सभीको समानता का अधिकार दिया है, लेकिन भाजपा और आरएसएस इसे समाप्त करने की कोशिश में हैं। उन्हें पता है कि संविधान खत्म किए बिनावंचितों, पिछड़ों और आदिवासियों को दबाया नहीं जा सकता।”
कार्यक्रम में मौजूद प्रमुख नेता
इस कार्यक्रम में कांग्रेस के कई प्रमुख नेता मौजूद थे, जिनमें बिहार कांग्रेस प्रभारी मोहन प्रकाश, प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह, पूर्व अध्यक्ष मदनमोहन झा और संयोजक विनोद कुमार चौधरी शामिल थे।