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लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने महाकुंभ, बजट, बिहार, दीवाली और ईद कोलेकर केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार पर सवालों की बौछार की। उन्होंने महाकुंभ भगदड़ (Mahakumbh stampede) को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दीऔर कहा कि हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।

उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन ने महाकुंभ हादसे से जुड़े आंकड़ों को छिपाने का प्रयास किया। सरकार पर निशाना साधते हुए अखिलेश यादव नेकहा कि जहां व्यवस्थाओं की जरूरत थी, वहां सिर्फ प्रचार किया गया।

अखिलेश यादव के आरोप
अखिलेश यादव ने लोकसभा में महाकुंभ हादसे को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि डिजिटल कुंभ का दावा करने वाली सरकारमृतकों की सही संख्या तक नहीं बता पाई और हादसे से जुड़े आंकड़ों को दबाने और छुपाने का प्रयास किया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया किसनातन परंपरा का उल्लंघन करते हुए अखाड़ों के स्नान का समय मनमाने ढंग से तय किया गया। श्रद्धालु पुण्य कमाने के लिए आए थे, लेकिनदुर्भाग्यवश कई लोगों के परिवार वालों को उनके शव लेकर लौटना पड़ा। अखिलेश ने सरकार की संवेदनहीनता पर सवाल उठाते हुए कहा कि जबप्रधानमंत्री ने हादसे पर शोक जताया, तब जाकर राज्य सरकार की ओर से प्रतिक्रिया आई। उन्होंने यह भी कहा कि जब हादसे में शव पड़े थे, तबसरकार हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा करवा रही थी, जो प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है। इसके अलावा, उन्होंने चीन के बढ़ते प्रभाव को लेकर चिंताजताई और कहा कि चीन न केवल हमारी जमीन हड़प रहा है, बल्कि हमारे बाजार पर भी कब्जा कर रहा है। वहीं, कांग्रेस और सपा के बीच किसी भीतरह की दरार की बात को उन्होंने सिरे से खारिज कर दिया।

महाकुंभ की व्यवस्थाओं को लेकर मांग
अखिलेश यादव ने महाकुंभ में हुई अव्यवस्थाओं को लेकर सरकार से कई सवाल किए और कुछ अहम मांगें भी रखीं. महाकुंभ की तैयारियों और हादसेको लेकर एक सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए। महाकुंभ आपदा प्रबंधन और खोया-पाया केंद्र की जिम्मेदारी सेना को दी जाए। हादसे में हुई मौतों, घायलों के इलाज और अन्य सुविधाओं की जानकारी संसद में प्रस्तुत की जाए। महाकुंभ त्रासदी के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कीजाए और सच्चाई छिपाने वालों को दंडित किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार ने महाकुंभ को ऐतिहासिक बताते हुए 100 करोड़ श्रद्धालुओं केआगमन की बात कही थी, लेकिन हादसे के बाद वास्तविक आंकड़े छुपाए जा रहे हैं।

बिहार और उत्तर प्रदेश पर टिप्पणी
बजट सत्र के दौरान अखिलेश यादव ने गंगा एक्सप्रेसवे का मुद्दा उठाया और कहा कि सरकार ने दावा किया था कि यह कुंभ से पहले तैयार हो जाएगा, लेकिन जिस रफ्तार से काम चल रहा है, उसे देखते हुए यह अगले अर्धकुंभ तक भी पूरा नहीं होगा।

उन्होंने यह भी कहा कि बिहार को बजट में पर्याप्त संसाधन दिए गए, लेकिन उत्तर प्रदेश को अनदेखा किया गया। अखिलेश ने सवाल किया कि तीनबार प्रधानमंत्री को चुनने वाले यूपी को आखिर क्यों नजरअंदाज किया जा रहा है?

अगर गलत साबित हुआ तो लोकसभा से इस्तीफा दूंगा
अपने संबोधन में अखिलेश यादव ने दावा किया कि कई टीवी चैनलों और सरकारी विज्ञापनों में दिखाया गया कि महाकुंभ के लिए 100 करोड़श्रद्धालुओं के आने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि यदि उनके दावे गलत साबित होते हैं, तो वे लोकसभा से इस्तीफा दे देंगे।

उन्होंने राज्य सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि जब देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने हादसे पर शोक संवेदना व्यक्त की, तब जाकर 17 घंटे बादराज्य सरकार ने इसे स्वीकार किया। यह दिखाता है कि सरकार सच्चाई को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है।

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