ऐतिहासिक क्षण: पीएम मोदी का संगम स्नान
प्रयागराज के महाकुंभ में बुधवार को एक विशेष दृश्य तब देखने को मिला, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरानउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उनके साथ मौजूद रहे। प्रधानमंत्री की इस यात्रा के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे, ताकिश्रद्धालुओं और आयोजकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
भव्य स्वागत
प्रधानमंत्री के प्रयागराज आगमन पर बमरौली एयरपोर्ट पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगीआदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक समेत कई वरिष्ठ नेता इस मौके पर मौजूद रहे। एयरपोर्ट से प्रधानमंत्री हेलिकॉप्टर द्वारा डीपीएस केहेलिपैड पहुंचे और वहां से संगम के वीआईपी घाट तक पहुंचे।
धार्मिक आस्था और सूर्य पूजा
संगम घाट पर भगवा वस्त्र धारण किए प्रधानमंत्री ने मंत्रोच्चारण के बीच डुबकी लगाई। इसके बाद उन्होंने सूर्य को अर्घ्य दिया और मंत्र जाप करते हुएसूर्य पूजा की। संगम स्नान के बाद मुख्यमंत्री योगी ने उन्हें महाकुंभ की तैयारियों और व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी दी।
संगम तक मोटर बोट से यात्रा
प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी मोटर बोट से संगम घाट तक पहुंचे। इस दौरान योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री को महाकुंभ के विभिन्न प्रबंधोंऔर श्रद्धालुओं की सुविधाओं के बारे में विस्तार से अवगत कराया।
साधु–संतों से भेंट और चर्चा
संगम स्नान के बाद प्रधानमंत्री ने महाकुंभ में मौजूद साधु-संतों से मुलाकात की। इस दौरान धार्मिक, सामाजिक और आध्यात्मिक विषयों पर चर्चा हुई।संतों ने प्रधानमंत्री को आशीर्वाद देते हुए देश की शांति और प्रगति के लिए प्रार्थना की।
श्रद्धालुओं की सुविधा का ध्यान
प्रधानमंत्री की इस यात्रा के दौरान इस बात का विशेष ख्याल रखा गया कि आम श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। हेलिकॉप्टर औरमोटर बोट के जरिए उनकी यात्रा का प्रबंधन किया गया, जिससे संगम क्षेत्र में भीड़ प्रबंधन सुचारु रूप से हो सके।
महाकुंभ का महत्व
महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जाता है, जो हर 12 वर्षों में होता है। करोड़ों श्रद्धालु संगम में स्नान कर मोक्ष की कामना करतेहैं। यह आयोजन भारतीय संस्कृति, आस्था और अध्यात्म का प्रतीक है, जिसे वैश्विक स्तर पर भी विशेष मान्यता प्राप्त है।
प्रधानमंत्री की यात्रा का संदेश
महाकुंभ में प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति भारतीय संस्कृति और परंपराओं के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उनकी यह यात्रा न केवल भारतीयसांस्कृतिक विरासत को सशक्त करती है, बल्कि महाकुंभ को वैश्विक पहचान दिलाने में भी सहायक होगी। प्रधानमंत्री का संगम स्नान और साधु-संतोंसे संवाद इस आयोजन के महत्व को और भी बढ़ा देता है।