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Jhumoir Binandini:असम के चाय उघोग की वर्षगांठ के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 फरवरी 2025 को गुवाहाटी के सरुसजाई स्टेडियममें असम के चाय उद्योग की 200वीं वर्षगांठ के उपलक्ष में अब तक के सबसे बड़े झुमुर नृत्य प्रदर्शन का उद्घाटन किया. झुमुर बिनंदिनी 2025 नामकइस आयोजन में 8,000 से अधिक कलाकारों ने इस आयोजन में भाग लिया. जिन्होंने असम की समृद्धि सांस्कृतिक विरासत को प्रस्तुत किया.दरअसलझुमुर नृत्य असम के चाय बागान मजदूरों और आदिवासी समुदायों की एक पारंपरिक कला है. 19वीं सदी की शुरुआत में उत्पन्न यह नृत्य चाय बागानोंमें कठिन परिश्रम के बाद आनंद और एकता की अभिव्यक्ति का माध्यम रहा है. इसमें समूहबद्ध ,तालबद्ध गतियों के साथ ढोल, मादल,धामसा औरबांसुरी जैसे पारंपरिक बाघयंत्रों की संगत होती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चाय बागान समुदाय के पारंपरिक वाघ’ धमसा”को बजाकर समारोह काशुभारंभ किया. इस दौरान उन्होंने अपनी व्यक्तिगत चाय से जुड़ी पृष्ठभूमि को याद करते हुए कहा. कि चाय की खुशबू और रंग को मुझसे बेहतर औरकौन समझ सकता है.

सांस्कृतिक और भारत की विविधता का प्रतीक- मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने इस संयोजन को असम की सांस्कृतिक और भारत की विविधता का प्रतीक बताया है. संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने चाय बागानसमुदाय के कल्याण के लिए कई प्रमुख घोषणाएं भी की. स्वास्थ्य सुविधाएं चाय बागान क्षेत्र में 300 अधिक आयुष्मान आरोग्य केंद्रों की स्थापना कीजाएगी. जिससे सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी. चाय बागान समुदाय के छात्रों के लिए 100 से अधिक मॉडल स्कूलों की स्थापना कीजाएगी. जिससे उनकी शिक्षा में सुधार होगा.इसमें खास तौर पर स्वरोजगार योजना को लागू किया जाएगा. ताकि युवाओं को आत्मनिर्भर बनाया जासके. झूमुर बिंनदिनी 2025 केवल असम के चाय उद्योग की 200 वीं वर्षगांठ का उत्सव नहीं था. बल्कि यह सरकार की असम की सांस्कृतिकपरंपराओं को संरक्षित और प्रोत्साहित करने की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है.दरअसल असम का झुमुर बिनंदिनी इन दिनों काफी चर्चा में है. इसकासबसे बड़ा प्रयास है कि अब तक के सबसे बड़े झुमुर नृत्य प्रदर्शन के लिए विश्न रिकॅार्ड स्थापित करने का प्रयास इसका मुख्य उद्देश्य है.

असमिया भाषा को दिया शास्त्रीय भाषा का दर्जा
इस खास मौके के अवसर पर पीएम मोदी ने असमिया भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिलने और चराइदेव मोइदम को यूनेस्को की विश्न धरोहरसूची में शामिल किए जाने को असम के लिए एक बड़ी उपलब्धि का करार दिया है. यह दोनों उपलब्धियां उनकी सरकार के प्रयासों का परिणाम है. पीएम मोदी इस समय असम के दो दिवसीय दौरे पर है. और कल एडवांटेड असल 2.O कार्यक्रम का उद्धाटन करेंगें.

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