छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 10 मार्च को छापेमारी की। यह कार्रवाईराज्य में हुए शराब घोटाले के संदर्भ में की जा रही है, जिसके तहत कुल 15 स्थानों पर छापेमारी की गई। ईडी की इस कार्रवाई ने राज्य में राजनीतिकहलचल मचा दी है, और यह पूर्व सीएम के लिए नई चुनौतियां लेकर आई है। सूत्रों के अनुसार, इस छापेमारी का मुख्य उद्देश्य चैतन्य बघेल से जुड़ीकथित अवैध संपत्तियों और घोटाले के संबंध में जानकारी हासिल करना था। चैतन्य बघेल का नाम शराब घोटाले की जांच के दौरान सामने आया था, जिसके बाद से ईडी ने इस मामले में सक्रियता बढ़ा दी है। इस कार्रवाई से भूपेश बघेल की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं, क्योंकि वह खुद भीइस मामले में आरोपों के घेरे में आ सकते हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ईडी की कार्रवाई पर तीखी प्रतिक्रिया दी है और इसे एक षड्यंत्र करार दिया है। भूपेश बघेल के कार्यालय द्वारा उनकेएक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल से एक पोस्ट जारी किया गया, जिसमें उन्होंने इस कार्रवाई को राजनीतिक साजिश बताते हुए कहा कि “सात वर्षों से चलेआ रहे झूठे केस को जब अदालत में बर्खास्त कर दिया गया, तो आज ईडी के मेहमानों ने पूर्व मुख्यमंत्री, कांग्रेस महासचिव भूपेश बघेल के भिलाईनिवास में आज सुबह प्रवेश किया है।” बघेल ने यह भी कहा कि यदि कोई इस षड्यंत्र के माध्यम से पंजाब में कांग्रेस को रोकने का प्रयास कर रहा है, तो यह उनकी बड़ी भूल है। इस बयान से भूपेश बघेल ने स्पष्ट रूप से इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध और षड्यंत्र का हिस्सा बताया है, जो उनकेखिलाफ चलाए जा रहे झूठे मामलों को फिर से जीवित करने की कोशिश कर रहा है।
ईडी ने पिछले साल मई में भी इस मामले में कई अन्य व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की थी, जिसमें रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबरऔर पूर्व IAS अधिकारी अनिल टुटेजा शामिल थे। इन आरोपियों की संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क कर लिया गया था, जिनकी कुल कीमत205.49 करोड़ रुपये के आसपास थी। इसके अलावा, ईडी ने शराब घोटाले से जुड़े पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को भी गिरफ्तार किया था।इस गिरफ्तारी ने मामले में और भी हलचल मचा दी थी, और अब चैतन्य बघेल के ठिकानों पर छापेमारी से यह संकेत मिलता है कि ईडी की कार्रवाईऔर तेज हो सकती है। ईडी ने इस मामले में आरोपियों की संपत्तियों की कुर्की भी की है और जांच में तेजी लाते हुए, राज्य सरकार के पूर्व अधिकारियोंऔर नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। अब, भूपेश बघेल की टेंशन भी बढ़ गई है, क्योंकि उनके परिवार के सदस्य के खिलाफ जांच तेज हो गईहै और उनके खिलाफ भी पूछताछ की जा रही है।