“अद्वितीय संगम”
इस वर्ष का ‘सेना दिवस’ परेड, जो परंपरागत रूप से दिल्ली में आयोजित होता था, पहली बार महाराष्ट्र के पुणे में आयोजित किया गया। भारतीय सेनाके पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ फील्ड मार्शल केएम करियप्पा के सम्मान में 15 जनवरी 1949 से मनाए जाने वाले इस दिन का आयोजन इस बारपुणे में भव्यता और ऐतिहासिकता के साथ हुआ। भारतीय सेना की आधुनिक सोच, तकनीकी उन्नति और लैंगिक समानता की दिशा में किए जा रहेप्रयासों का प्रदर्शन इस परेड का मुख्य आकर्षण रहा।
रोबोटिक डॉग्स का प्रदर्शन
तकनीकी नवाचार का परिचय
परेड में पहली बार *रोबोटिक डॉग्स* को शामिल किया गया, जो भारतीय सेना की तकनीकी प्रगति और स्वदेशी नवाचार का उदाहरण हैं। इनकाउपयोग विस्फोटकों की पहचान, सीमा पर निगरानी, खोज और बचाव अभियानों तथा दुर्गम इलाकों में सहायता के लिए किया जाता है। यह प्रदर्शनदर्शाता है कि भारतीय सेना आधुनिक तकनीक अपनाकर अपनी क्षमताओं को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है
महिला अग्निवीर
सेना में लैंगिक समानता की पहल
इस परेड में पहली बार *महिला अग्निवीरों* ने भाग लिया। ये महिलाएं अग्निपथ योजना के तहत सेना में शामिल हुई हैं। उनकी भागीदारी ने सेना मेंमहिलाओं के बढ़ते योगदान और लैंगिक समानता के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। महिला अग्निवीरों का अनुशासन और साहस सेना मेंमहिलाओं के लिए नए अवसरों का मार्ग प्रशस्त करता है।
गर्ल्स एनसीसी टुकड़ी
युवाओं की शक्ति का प्रदर्शन
परेड में *गर्ल्स एनसीसी* टुकड़ी ने भी हिस्सा लिया और अपनी उत्कृष्ट मार्चिंग तथा अनुशासन से सभी का ध्यान आकर्षित किया। यह प्रदर्शन महिलासशक्तिकरण और युवाओं के बीच देशभक्ति की भावना को प्रोत्साहन देने का प्रतीक रहा।
आधुनिक सैन्य उपकरणों का प्रदर्शन
परेड में सेना के आधुनिक हथियारों और तकनीकी उपकरणों का प्रदर्शन भी किया गया। इसमें ड्रोन सिस्टम, आधुनिक रडार, स्मार्ट हथियार, औरइलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम शामिल थे। यह प्रदर्शन भारतीय सेना की आत्मनिर्भरता और तकनीकी प्रगति का परिचायक था।
नेपाल आर्मी बैंड की भागीदारी
इस आयोजन में नेपाल आर्मी बैंड ने भी हिस्सा लिया, जिसने पारंपरिक और देशभक्ति से भरी धुनों की प्रस्तुति दी। यह भारत और नेपाल के सैन्य वसांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने का प्रतीक है।
सेना दिवस का महत्व
सेना दिवस भारतीय सेना की वीरता, समर्पण और बलिदान को स्मरण करने का अवसर है। यह दिन सेना और नागरिकों के बीच संबंध मजबूत करने केसाथ-साथ सेना की प्रगतिशील सोच और सामरिक शक्ति को भी दर्शाता है।
2025 का सेना दिवस परेड, पुणे में पहली बार आयोजित होने के कारण कई मायनों में ऐतिहासिक रहा। *रोबोटिक डॉग्स*, महिला अग्निवीर, औरगर्ल्स एनसीसी की भागीदारी ने इसे विशेष बनाया। यह आयोजन भारतीय सेना की तकनीकी उन्नति, समावेशी दृष्टिकोण, और आधुनिक सोच काप्रतीक बनकर उभरा।