पटना महानगर जिला कांग्रेस कमिटी ने एक बड़ी राहत और विजय के रूप में चार वरिष्ठ नेताओं को पटना व्यवहार न्यायालय द्वारा बाई इज्जत बरीकिए जाने का स्वागत किया है। यह मामला वर्ष 2010-13 के दौरान बिहार प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष ललन कुमार के कार्यकाल से जुड़ा है, जबराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर.एस.एस.) के प्रमुख द्वारा कांग्रेस की तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की गई थी।इसके विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पटना के कोतवाली थाना क्षेत्र में एक पुतला दहन कार्यक्रम का आयोजन किया था।
क्या था पूरा मामला?
यह मामला उस समय का है जब कांग्रेस और आर.एस.एस. के बीच राजनीतिक संघर्ष अपने चरम पर था। आर.एस.एस. प्रमुख द्वारा सोनिया गांधी केखिलाफ की गई टिप्पणी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं में आक्रोश पैदा कर दिया था। इसके जवाब में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने लोकतांत्रिक तरीके सेविरोध प्रकट करने के लिए पुतला दहन कार्यक्रम आयोजित किया था। हालांकि, इस घटना के बाद चार कांग्रेस नेताओं—शशि रंजन (पटना महानगरकांग्रेस अध्यक्ष), शम्मी कपूर (पूर्व प्रदेश सचिव), राजेश कुमार (पूर्व युवा कांग्रेस लोकसभा अध्यक्ष), और दौलत इमाम (पूर्व लोकसभा युवा कांग्रेसउपाध्यक्ष)—के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
कानूनी प्रक्रिया और फैसला
मामले की सुनवाई पटना व्यवहार न्यायालय में पिछले कई वर्षों से चल रही थी। कांग्रेस नेताओं पर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, शांति भंगकरने, और गैर-कानूनी तरीके से विरोध प्रदर्शन करने जैसे आरोप लगाए गए थे।
अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया कि इन नेताओं ने कानून और व्यवस्था का उल्लंघन किया है, लेकिन बचाव पक्ष ने यह साबित किया कि उनका प्रदर्शनलोकतांत्रिक अधिकारों के तहत शांतिपूर्ण विरोध का हिस्सा था। इसके अलावा, अभियोजन पक्ष पर्याप्त सबूत पेश करने में असफल रहा। अदालत नेसभी पक्षों को सुनने के बाद चारों नेताओं को “बाई इज्जत बरी” कर दिया।
पार्टी कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया
पटना महानगर कांग्रेस अध्यक्ष शशि रंजन ने अदालत के फैसले को सत्य और न्याय की जीत करार दिया। उन्होंने कहा, “यह फैसला यह साबित करताहै कि हमारा विरोध पूरी तरह से लोकतांत्रिक और वैध था। यह कांग्रेस की विचारधारा और सत्य के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।”
पार्टी के अन्य पदाधिकारी जैसे विकास वर्मा, नीरज कुमार, कमलेश पाण्डेय, निशांत करपटने, प्रकाश पुजारी, पवन केसरी, पप्पू कुमार, और शरीफअहमद रंगरेज ने भी खुशी जाहिर की। उन्होंने इसे कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मेहनत और सत्य की विजय का परिणाम बताया।
जश्न और भावी योजनाएं
इस मौके पर पटना महानगर जिला कांग्रेस कमिटी द्वारा एक विशेष बैठक आयोजित की गई, जिसमें सभी पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हुए।बैठक के दौरान कांग्रेस नेताओं ने आर.एस.एस. और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि यह मामला केवल राजनीतिक प्रतिशोध के तहत दायरकिया गया था।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दौलत इमाम ने कहा, “हमने यह संघर्ष केवल अपने लिए नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों और पार्टी के सिद्धांतों की रक्षा के लिएकिया है।”
वहीं, शम्मी कपूर ने कहा कि यह मामला उन्हें और मजबूत बनाता है और वह आने वाले समय में जनता के मुद्दों के लिए और जोर-शोर से लड़ेंगे।
स्थानीय और राजनीतिक महत्त्व
पटना के राजनीतिक गलियारों में यह फैसला काफी चर्चा में है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मानना है कि यह फैसला पार्टी के लिए एक नई ऊर्जा कासंचार करेगा और कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाएगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला कांग्रेस के लिए आर.एस.एस. और भाजपा की विचारधारा के खिलाफ अपनी स्थिति को और मजबूत करने काएक मौका है।