राज्यसभा में उठाया मुद्दा, एंटी-ड्रोन टेक्नोलॉजी को एडवांस करने की मांग
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) और राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने पंजाब में भारत-पाकिस्तान सीमा परबढ़ती ड्रोन गतिविधियों पर चिंता जताई है। उन्होंने सोमवार को राज्यसभा में इस गंभीर मुद्दे को उठाते हुए केंद्र सरकार से सख्त कदम उठाने की मांगकी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से लगने वाले 550 किलोमीटर लंबे बॉर्डर पर ड्रोन की घुसपैठ तेजी से बढ़ रही है, और पिछले वर्ष 300 से अधिकड्रोन भारतीय क्षेत्र में देखे गए।
ड्रोन के जरिए बढ़ रही ड्रग्स और हथियारों की तस्करी
संदीप पाठक ने कहा कि ड्रोन का उपयोग न केवल ड्रग्स और हथियारों की तस्करी के लिए किया जा रहा है, बल्कि आतंकवादी गतिविधियों में भीइसका इस्तेमाल संभव है। उन्होंने केंद्र सरकार से एंटी-ड्रोन टेक्नोलॉजी को और उन्नत करने और जीरो टॉलरेंस और जीरो घुसपैठ नीति अपनाने कीअपील की।
उन्होंने बताया कि 2020 में जहां 50 ड्रोन देखे गए थे, वहीं 2024 में यह संख्या बढ़कर 300 से 350 के बीच पहुंच गई। हालांकि, सुरक्षा बलों द्वाराबेअसर किए जाने वाले ड्रोन की संख्या बेहद कम है। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि ज्यादातर ड्रोन भारत में लैंड कर वापस लौट जाते हैं, जिससेसुरक्षा पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।
एंटी-ड्रोन टेक्नोलॉजी को अपग्रेड करने की जरूरत
संदीप पाठक ने कहा कि पाकिस्तान, चीन और तुर्की से ड्रोन का आयात कर रहा है, जबकि भारत की एंटी-ड्रोन टेक्नोलॉजी अभी उतनी एडवांस नहींहै। उन्होंने सुझाव दिया कि तकनीकी उन्नयन के साथ-साथ सीमा सुरक्षा बल (BSF) और राज्य पुलिस को विशेष प्रशिक्षण देने की जरूरत है ताकि वेइन खतरों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहें।
सीमा पर बसे लोगों को भी हो रहा नुकसान
उन्होंने यह भी बताया कि ड्रोन घुसपैठ के कारण सीमा से सटे गांवों में लगातार सर्च ऑपरेशन चलाने पड़ते हैं, जिससे स्थानीय लोगों को काफीपरेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने अमृतसर और तरनतारन जिलों में ड्रोन गतिविधियों में भारी वृद्धि की ओर भी ध्यान दिलाया।
सरकार को एक्शन लेना होगा
उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि ड्रोन घुसपैठ को रोकने के लिए तुरंत सख्त कदम उठाए जाएं, ताकि राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ सीमावर्ती क्षेत्रोंमें रहने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा केवल ड्रोन से होने वाले खतरों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत केखिलाफ छेड़े गए प्रॉक्सी वॉर का हिस्सा है, जिसे तत्काल प्रभाव से रोका जाना चाहिए।