दिल्ली विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं, और आम आदमी पार्टी (AAP) भी चुनावी तैयारियों में जुटी है।पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में मिडिल क्लास के मुद्दे को केंद्र सरकार के सामने रखा और इस वर्गके लिए सात प्रमुख मांगें पेश की। केजरीवाल ने कहा कि चुनावी वक्त में अक्सर धर्म और जाति के नाम पर वादे किए जाते हैं, लेकिन मिडिल क्लासको कभी भी मुख्य एजेंडा नहीं बनाया जाता। उनका आरोप है कि यह वर्ग टैक्स टेररिज्म का शिकार हो चुका है, और उसे सरकार की नीतियों से कोईठोस लाभ नहीं मिल रहा।
मिडिल क्लास के लिए टैक्स राहत की मांग
अरविंद केजरीवाल ने मिडिल क्लास के लिए टैक्स राहत की मांग की। उनका कहना है कि यह वर्ग टैक्स टेररिज्म का शिकार हो रहा है और उसेकराधान के मामले में बहुत अधिक बोझ झेलना पड़ रहा है। इस वर्ग के लिए टैक्स में राहत देने की आवश्यकता है, ताकि वे आर्थिक रूप से अधिकमजबूत बन सकें।
महंगाई पर नियंत्रण
महंगाई ने मिडिल क्लास की जिंदगी को कठिन बना दिया है। पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस और अन्य जरूरी सामानों की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, जिससे इस वर्ग का जीवन स्तर प्रभावित हो रहा है। केजरीवाल ने सरकार से महंगाई पर काबू पाने और कीमतों को नियंत्रित करने की अपील की है।
स्वास्थ्य सेवाओं का सुधार
केजरीवाल ने मिडिल क्लास के लिए स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की मांग की। उनका कहना है कि इस वर्ग को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाओंतक पहुंच नहीं है और उन्हें उच्च चिकित्सा खर्चों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने सरकार से सस्ती और प्रभावी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने कीमांग की, ताकि मिडिल क्लास भी अच्छे इलाज का लाभ उठा सके।
शिक्षा में सुधार
मिडिल क्लास के बच्चों के लिए शिक्षा क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता पर भी केजरीवाल ने जोर दिया। उनका कहना है कि शिक्षा के मामले में सुधारके बिना इस वर्ग के बच्चों के भविष्य पर सवाल उठ सकते हैं। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की दिशा में सरकार से ठोस कदम उठाने का अनुरोधकिया
रोजगार के अवसर सृजन
मिडिल क्लास के लिए रोजगार के अवसर सृजन पर भी केजरीवाल ने ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि आजकल कई लोग उच्च शिक्षा प्राप्तकरने के बाद भी बेरोजगार हैं, और यह समस्या खासतौर पर मिडिल क्लास में अधिक है। केजरीवाल ने केंद्र सरकार से रोजगार सृजन की योजनाओं कोबढ़ाने की मांग की, ताकि मिडिल क्लास के लोगों को स्थिर रोजगार मिल सके
सस्ती आवास योजनाओं की आवश्यकता
मिडिल क्लास के लिए सस्ती आवास योजनाएं आवश्यक हैं। केजरीवाल ने कहा कि आजकल घर खरीदने के लिए मिडिल क्लास के पास पर्याप्तसंसाधन नहीं हैं। इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार से सस्ती और गुणवत्तापूर्ण आवास योजनाएं बनाने की अपील की, ताकि मिडिल क्लास अपने सपनोंका घर आसानी से खरीद सके।
कर्ज पर ब्याज दरों में राहत
केजरीवाल ने कर्ज पर ब्याज दरों में राहत की मांग की। उनका कहना था कि घर खरीदने, शिक्षा के लिए कर्ज लेने या अन्य वित्तीय जरूरतों के लिएमिडिल क्लास को उच्च ब्याज दरों का सामना करना पड़ता है, जो उनके लिए आर्थिक बोझ बन जाता है। उन्होंने केंद्र सरकार से ब्याज दरों में कटौतीकरने की मांग की, ताकि इस वर्ग को आर्थिक रूप से राहत मिल सके।
मिडिल क्लास के मुद्दे पर AAP की चुनावी रणनीति
केजरीवाल की इन सात मांगों को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं हो रही हैं। उनका यह कदम मिडिल क्लास के बीच AAP को समर्थन दिलानेकी रणनीति के रूप में देखा जा सकता है, क्योंकि मिडिल क्लास का वोट बैंक चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह कदम यह भी दर्शाता है किआम आदमी पार्टी सिर्फ दिल्ली में ही नहीं, बल्कि पूरे देश के मिडिल क्लास के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
विरोधी दलों की प्रतिक्रिया
केजरीवाल की इन मांगों पर विपक्षी दलों का कहना है कि यह सिर्फ एक चुनावी स्टंट है, जिसका उद्देश्य मिडिल क्लास को आकर्षित करना है।हालांकि, राजनीतिक विश्लेषक इसे AAP की स्मार्ट चुनावी रणनीति मानते हैं, जो इस वर्ग के मुद्दों को अपनी प्राथमिकता बनाकर वोट बैंक कोप्रभावित करने की कोशिश कर रही है।
भविष्य की दिशा
आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि केजरीवाल की ये मांगें दिल्ली विधानसभा चुनाव में क्या असर डालती हैं। मिडिल क्लास के लिएउनकी इन मांगों को लेकर उठाए गए कदमों से AAP को कितनी राजनीतिक समर्थन मिलती है, यह चुनाव परिणामों में स्पष्ट हो जाएगा।